Fitness formula after 40: Gain strength, balance, and energy with strength training

40 की उम्र के बाद फिटनेस का फॉर्मूला: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से पाएं ताकत, संतुलन और ऊर्जा

कोलकाता | 31 अक्टूबर 2025 — उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई बदलाव आते हैं — मांसपेशियों की ताकत कम होती है, हड्डियाँ कमजोर पड़ती हैं, मेटाबॉलिज्म धीमा होता है और जोड़ों में जकड़न महसूस होती है। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सही स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से इन प्रभावों को रोका जा सकता है। खासकर 40 साल की उम्र के बाद, कुछ विशेष एक्सरसाइज शरीर को मजबूत और सक्रिय बनाए रखने में बेहद असरदार हैं।

🏋️‍♂️ सबसे असरदार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज

1. स्क्वाट्स (Squats)

  • लक्ष्य: जांघों, कूल्हों और निचले शरीर की मांसपेशियाँ
  • फायदे: संतुलन बेहतर होता है, चलने-फिरने में स्थिरता आती है
  • कैसे करें: घुटनों और कूल्हों को मोड़ें, बैठें और उठें — शरीर का भार एड़ी पर रखें

Fitness formula after 40: Gain strength, balance, and energy with strength training

2. प्लैंक (Plank)

  • लक्ष्य: कोर, पीठ, कंधे और पोस्चर सुधार
  • फायदे: पीठ दर्द में राहत, पोस्चर में सुधार, मांसपेशियों की मजबूती
  • कैसे करें: कोहनी और पंजों पर शरीर को सीधा रखें, 30–60 सेकंड तक होल्ड करें

3. पुश-अप्स (Push-ups)

  • लक्ष्य: छाती, कंधे, ट्राइसेप्स और कोर
  • फायदे: मेटाबॉलिज्म तेज होता है, कैलोरी बर्न होती है, ऊपरी शरीर मजबूत होता है
  • कैसे करें: प्लैंक पोज़िशन में आकर शरीर को नीचे और ऊपर करें, सांस का ध्यान रखें

4. लंजेस (Lunges)

  • लक्ष्य: क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और कोर
  • फायदे: जांघों और कूल्हों की चर्बी कम होती है, मांसपेशियाँ टोन होती हैं
  • कैसे करें: एक पैर आगे बढ़ाकर घुटनों को मोड़ें, शरीर को नीचे झुकाएँ और फिर उठें

Fitness formula after 40: Gain strength, balance, and energy with strength training

🧠 40+ उम्र में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी है?

  • मांसपेशियों की गिरावट (Sarcopenia) को रोकने में मदद
  • हड्डियों की मजबूती बढ़ती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है
  • मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे वजन नियंत्रित रहता है
  • मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है — तनाव और थकान कम होती है

📌 अतिरिक्त सुझाव

  • सप्ताह में कम से कम 2–3 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें
  • वार्म-अप और स्ट्रेचिंग को नज़रअंदाज़ न करें
  • प्रोटीन युक्त आहार लें ताकि मांसपेशियाँ ठीक से रिकवर हो सकें
  • संयुक्त-हितैषी एक्सरसाइज चुनें जो घुटनों और पीठ पर दबाव न डालें

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nineteen − eighteen =