राजीव सिन्हा, मुख्य सचिव पश्चिम बंगाल, फोटो साभार गूगल

कोलकाता  बंगाल में कोरोना का हाल जानने के लिये केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई टीम पर ममता बनर्जी ने नाराजगी जाहिर की थी।  वहीं  केंद्रीय प्रतिनिधि दल ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार की तरफ से उन्हें प्रभावित इलाकों में नहीं जाने दिया जा रहा है। सोमवार से ही केन्द्रीय प्रतिनिधि दल को लेकर घमासान मचा हुआ है। हालांकि मंगलवार रात राज्‍य के मुख्‍य सचिव राजीव सिन्‍हा ने इस पूरे मामले पर ममता सरकार का रुख स्‍पष्‍ट किया है।

राजीव सिन्‍हा ने बताया कि प्रदेश सरकार आईएमसीटी यानी की केन्द्रीय प्रतिनिधि दल का पूरा सहयोग कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे कोरोना वायरस से निपटने का सारा काम छोड़कर इन दलों के साथ घूम नहीं सकते हैं। मुख्य सचिव ने दावा किया है कि केन्द्रीय प्रतिनिधि दल का लगाये गये आरोप पूरी तरह निराधार है। इधर बुधवार को केन्द्रीय प्रतिनिधि दल ने कई इलाकों का जायजा लिया।

मुख्‍य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा कि हम केंद्रीय टीम की मदद कर रहे हैं। ऐसा नहीं करने का कोई सवाल ही नहीं है। लेकिन हमारा रुख यह है कि हम सभी कोरोना वायरस से निपटने में व्यस्त हैं। उन्हें कारों में या गेस्ट हाउस में बैठकर जानकारी नहीं मिल सकती है। हम अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर वे सभी जानकारी साझा करेंगे जो वे चाहते हैं लेकिन अपना सारा काम छोड़कर केंद्रीय टीम के साथ घूम नहीं सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमित इलाकों का जायजा लेने के लिए बीते सोमवार से ही राज्य और केन्द्र सरकार के बीच घमासान मचा हुआ है। राज्य में आई प्रतिनिधि दल ने आरोप लगाया कि उनका राज्य सरकार की तरफ से सहयोग नहीं किया जा रहा है। इसके बाद ही राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने प्रतिनिधि दल के प्रमुख के साथ बालीगंज के बीएसएफ कैंप में मुलाकात की। इसके बाद कोलकाता पुलिस और बीएसएफ को लेकर जादवपुर के लिए केन्द्रीय प्रतिनिधि दल रवाना हुआ। प्रतिनिधि दल के आरोपों के बाद राजीव सिन्हा ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में लिखा कि इस संकट की घड़ी में केन्द्र के सभी निर्देशों का राज्य सरकार ने पालन किया है।

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