विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष – हम अपने स्वास्थ का खुद ही कारण होते हैं : डॉ. विक्रम चौरसिया

नई दिल्ली । ऐसा कहा जाता है कि “स्वास्थ्य ही धन है” लेकिन यहां मैं कहता हूं कि जो स्वस्थ्य व्यक्ति है उसको दुनियां का सभी यश, सुख, धन, शांति है। अभी सोचकर देखिए अगर किसी व्यक्ति के पास सभी सुख भोगने के संसाधन हो लेकिन किसी कारण से उसका शरीर साथ नही दे रहा हो तो उसके सारे उपभोग के संसाधन बेकार है। ऐसे हालात तो हम सभी ने इस समाज में कभी-कभी देखते भी है की उपभोग की सारी सुख सुविधाएं होते हुए भी जिसका स्वास्थ्य अच्छा नहीं होता है वह उस सुख-सुविधाओं का किसी भी तरह से उपभोग नहीं कर सकता है।

याद रहे “जिसके पास स्वास्थ्य है उसके पास आशा है और जिसके पास आशा है उसके पास सब कुछ है।” देखे तो कोविड़19 से उपजी वैश्विक महामारी के समय में भी आज भी जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण, प्रदूषण और कई खतरनाक बीमारियों से जूझ रही है, ऐसे में हमे अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरूक होना बहुत जरूरी है। यही वजह है कि वर्ल्ड हेल्थ डे 2022 का महत्‍‍व और भी बढ़ गया है। इस वर्ष वर्ल्ड हेल्थ डे की थीम भी ‘हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य है।’ हम प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाते आ रहे हैं। इसका मकसद यही है भी कि दुनियां में हर व्यक्ति तक अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच हो और लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें।

पिछले वर्ष हमे समाज में जागरूकता लाने और मरीजों के सेवा करने के लिए 2021 का “स्वास्थ्य प्रतिभा रत्न” व “कोरोना योद्धा रत्न” दिया गया था तब मैंने सभी से अपील भी किया था की आप भी अपने सामर्थ्य अनुसार लोगो में जागरूकता लाने का प्रयास करे। आज ही अभी आप भी संकल्प ले की दिन की शुरुआत योगा व व्यायाम से करेंगे, किसी भी तरह का नशा नहीं करेंगे, समाज में जितना संभव हो सके जागरूकता लाने के लिए पहल करते रहेंगे। हम मानते हैं की आज भी बहुत से ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं ना के बराबर उपलब्ध है, अगर उपलब्ध भी है तो इतनी दूरी पर है कि मरीज का समय से पहुंच पाना असंभव हो जाता है। ऐसे में बेहतर सुविधाओं के लिए सरकार व नागरिक दोनो को मिलकर पहल करने की जरूरत है।

डॉ. विक्रम चौरसिया

चिंतक/आईएएस मेंटर/पत्रकार/दिल्ली विश्वविद्यालय 9069821319

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