कुछ चमत्कारी उपयोगी सरल अचूक उपाय जो आपकी किस्मत बदल सकती है!

परीक्षा में सफलता हेतु :
परीक्षा में सफलता हेतु गणेश रुद्राक्ष धारण करें। बुधवार को गणेश जी के मंदिर में जाकर दर्शन करें और मूंग के लड्डुओं का भोग लगाकर सफलता की प्रार्थना करें।

बिक्री बढ़ाने हेतु :
ग्यारह गोमती चक्र और तीन लघु नारियलों की यथाविधि पूजा कर उन्हें पीले वस्त्र में बांधकर बुधवार या शुक्रवार को अपने दरवाजे पर लटकाएं तथा हर पूर्णिमा को धूप दीप जलाएं। यह क्रिया निष्ठापूर्वक नियमित रूप से करें, ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होगी और बिक्री बढ़ेगी।

पदोन्नति हेतु :
शुक्ल पक्ष के सोमवार को सिद्ध योग में तीन गोमती चक्र चांदी के तार में एक साथ बांधें और उन्हें हर समय अपने साथ रखें, पदोन्नति के साथ-साथ व्यवसाय में भी लाभ होगा।

मुकदमे में विजय हेतु :
पांच गोमती चक्र जेब में रखकर कोर्ट में जाया करें, मुकदमे में निर्णय आपके पक्ष में होगा।

पढ़ाई में एकाग्रता हेतु :
शुक्ल पक्ष के पहले रविवार को इमली के 22 पत्ते ले आएं और उनमें से 11 पत्ते सूर्य देव को – ॐ सूर्याय नमः कहते हुए अर्पित करें। शेष 11 पत्तों को अपनी किताबों में रख लें पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी।

कार्य में सफलता के लिए :
अमावस्या के दिन पीले कपड़े का त्रिकोना झंडा बना कर विष्णु भगवान के मंदिर के ऊपर लगवा दें कार्य सिद्ध होगा।

व्यवसाय बाधा से मुक्ति हेतु :
यदि कारोबार में हानि हो रही हो अथवा ग्राहकों का आना कम हो गया हो, तो समझें कि किसी ने आपके कारोबार को बांध दिया है। इस बाधा से मुक्ति के लिए दुकान या कारखाने के पूजन स्थल में शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को अमृत सिद्ध या सिद्ध योग में श्री धनदा यंत्र स्थापित करें। फिर नियमित रूप से केवल धूप देकर उनके दर्शन करें कारोबार में लाभ होने लगेगा।

गृह कलह से मुक्ति हेतु :
परिवार में पैसे की वजह से कलह रहता हो, तो दक्षिणावर्ती शंख में पांच कौड़ियां रखकर उसे चावल से भरी चांदी की कटोरी पर घर में स्थापित करें। यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार को या दीपावली के अवसर पर करें, लाभ अवश्य होगा।

क्रोध पर नियंत्रण हेतु :
यदि घर के किसी व्यक्ति को बात-बात पर गुस्सा आता हो, तो दक्षिणावर्ती शंख को साफ कर उसमें जल भरकर उसे पिला दें। यदि परिवार में पुरुष सदस्यों के कारण आपस में तनाव रहता हो तो पूर्णिमा के दिन कदंब वृक्ष की सात अखंड पत्तों वाली डाली लाकर घर में रखें। अगली पूर्णिमा को पुरानी डाली कदंब वृक्ष के पास छोड़ आएं और नई डाली लाकर रखें। यह क्रिया इसी तरह करते रहें तनाव कम होगा।

मकान खाली कराने हेतु :
शनिवार की शाम को भोजपत्र पर लाल चंदन से किरायेदार का नाम लिखकर शहद में डुबो दें। संभव हो तो यह क्रिया शनिश्चरी अमावस्या को करें। कुछ ही दिनों में किरायेदार घर खाली कर देगा। ध्यान रहे, यह क्रिया करते समय कोई टोके नहीं।

आर्थिक समस्या के छुटकारे के लिए :
यदि आप हमेशा आर्थिक समस्या से परेशान हैं तो इसके लिए आप 21 शुक्रवार 9 वर्ष से कम आयु की 5 कन्यायों को खीर व मिश्री का प्रसाद बांटें।

घर और कार्यस्थल में धन वर्षा के लिए :
इसके लिए आप अपने घर, दुकान या शोरूम में एक अलंकारिक फव्वारा रखें या एक मछलीघर जिसमें 8 सुनहरी व एक काली मछ्ली हो रखें। इसको उत्तर या उत्तरपूर्व की ओर रखें। यदि कोई मछ्ली मर जाय तो उसको निकाल कर नई मछ्ली लाकर उसमें डाल दें।

परेशानी से मुक्ति के लिए :
आज कल हर आदमी किसी न किसी कारण से परेशान है! कारण कोई भी हो आप एक तांबे के पात्र में जल भर कर उसमें थोडा सा लाल चंदन मिला दें। उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जाय। प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें। धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी।

कुंवारी कन्या के विवाह हेतु :
1. यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें। भगवान शिव की मूर्ति या फोटो के आगे रख कर “ॐ श्री वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें। विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी।

2. प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ॐ सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे। विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी।

व्यापार बढाने के लिए :

1. शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के दोनों तरफ बाहर की ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दें। ध्यान रहे ऐसा करते हुए आपको कोई देखे नही।

2. पूजा घर में अभिमंत्रित श्र्री यंत्र रखें।

3. शुक्रवार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें। दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसों के तेल में बना लें। उसके तीन हिस्से कर लें, उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिला दें, दूसरा हिस्सा कुष्ठ रोगी को दे दें और तीसरा हिस्सा अपने सिर से घडी की सूई से उल्टे तरफ तीन बार वार कर किसी चौराहे पर रख दें। यह प्रयोग 40 दिन तक करें ! कारोबार में लाभ होगा

लगातार बुखार आने पर :
1. यदि किसी को लगातार बुखार आ रहा हो और कोई भी दवा असर न कर रही हो तो आक की जड़ लेकर उसे किसी कपडे में कस कर बांध लें। फिर उस कपडे को रोगी के कान से बांध दें। बुखार उतर जायगा।

2. इतवार या गुरूवार को चीनी, दूध, चावल और पेठा (कद्दू-पेठा, सब्जी बनाने वाला) अपनी इच्छा अनुसार लें और उसको रोगी के सिर पर से वार कर किसी भी धार्मिक स्थान पर, जहां पर लंगर बनता हो, दान कर दें।
3. यदि किसी को टायफाईड हो गया हो तो उसे प्रतिदिन एक नारियल पानी पिलायें। कुछ ही दिनों में आराम हो जायगा।

नौकरी जाने का खतरा हो या ट्रांसफर रूकवाने के लिए :
पांच ग्राम डली वाला सुरमा लें। उसे किसी वीरान जगह पर गाड दें। ख्याल रहे कि जिस औजार से आपने जमीन खोदी है उस औजार को वापिस न लायें, उसे वहीं फेंक दें। दूसरी बात जो ध्यान रखने वाली है वो यह है कि सुरमा डली वाला हो और एक ही डली लगभग 5 ग्राम की हो। एक से ज्यादा डलियां नहीं होनी चाहिए।

कारोबार में नुकसान हो रहा हो या कार्यक्षेत्र में झगडा हो रहा हो तो :
यदि उपरोक्त स्थिति का सामना हो तो आप अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला लेकर जल प्रवाह कर दें अवश्य लाभ होगा।

मुकदमें में विजय पाने के लिए :
यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जाय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें। जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेके तो ज्यादा अच्छा है। परंतु याद रहे आपको चावल ले जाते या कोर्ट में फेंकते समय कोई देखे नहीं वरना लाभ नहीं होगा। यह उपाय आपको बिना किसी को पता लगे करना होगा।

धन के ठहराव के लिए :
आप जो भी धन मेहनत से कमाते हैं उससे ज्यादा खर्च हो रहा हो अर्थात घर में धन का ठहराव न हो तो ध्यान रखें कि आपके घर में कोई नल लीक न करता हो अर्थात पानी टप-टप टपकता न हो और आग पर रखा दूध या चाय उबलनी नहीं चाहिये। वरना आमदनी से ज्यादा खर्च होने की सम्भावना रहती है।

मानसिक परेशानी दूर करने के लिए :
रोज़ हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें। प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें। अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें।

बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु के लिए :
1. एक काला रेशमी डोरा लें। “ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करते हुए उस डोरे में थोडी थोडी दूरी पर सात गांठें लगायें। उस डोरे को बच्चे के गले या कमर में बांध दें।

2. प्रत्येक मंगलवार को बच्चे के सिर पर से कच्चा दूध 11 बार वार कर किसी जंगली कुत्ते को शाम के समय पिला दें। बच्चा दीर्घायु होगा।

किसी रोग से ग्रसित होने पर :
सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें। अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें, सेहत ठीक रहेगी।

प्रेम विवाह में सफल होने के लिए, यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो :
शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी माता की मूर्ति या फोटो के आगे “ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें। इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें। तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रसाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें।

नौकर न टिके या परेशान करे :
हर मंगलवार को बदाना (मीठी बूंदी) का प्रसाद लेकर मंदिर में चढा कर लडकियों में बांट दें। ऐसा आप चार मंगलवार करें।
बनता काम बिगडता हो, लाभ न हो रहा हो या कोई भी परेशानी हो तो हर मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में बदाना (मीठी बूंदी) चढा कर उसी प्रसाद को मंदिर के बाहर गरीबों में बांट दें।

यदि आपको सही नौकरी मिलने में दिक्कत आ रही हो :
1. कुएं में दूध डालें, उस कुएं में पानी होना चहिए।
2. काला कम्बल किसी गरीब को दान दें।
3. 6 मुखी रूद्राक्ष की माला 108 मनकों वाली माला धारण करें जिसमें हर मनके के बाद चांदी के टुकडे पिरोये हों।

अगर आपका प्रमोशन नहीं हो रहा है :
1. गुरूवार को किसी मंदिर में पीली वस्तुये जैसे खाद्य पदार्थ, फल, कपडे इत्यादि का दान करें!
2. हर सुबह नंगे पैर घास पर चलें !

पति को वश में करने के लिए : यह प्रयोग शुक्ल पक्ष में करना चाहिए। एक पान का पत्ता लें उस पर चंदन और केसर का पाऊडर मिला कर रखें। फिर दुर्गा माता जी की फोटो के सामने बैठ कर दुर्गा स्तुति में से चँडी स्त्रोत का पाठ 45 दिन तक करें। पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगायें और फिर तिलक लगा कर पति के सामने जाय। यदि पति वहां पर न हों तो उनकी फोटो के सामने जांय। पान का पता रोज़ नया लें जो कि साबुत हो कहीं से कटा फटा न हो। रोज़ प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें। 45 दिन के बाद उन पान के पतो को जल प्रवाह कर दें। शीघ्र समस्या का समाधान होगा।पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

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