कोलकाता | 28 अक्टूबर 2025 — निर्वाचन आयोग द्वारा Special Intensive Revision (SIR) फेज़ 2 की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि अगर किसी वैध मतदाता का नाम सूची से हटाया गया, तो पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करेगी।
🗣️ TMC की प्रतिक्रिया: “नाम हटे तो दिल्ली तक विरोध”
- कुणाल घोष ने कहा:
“हम पारदर्शी वोटर लिस्ट के पक्ष में हैं, लेकिन अगर किसी वैध नागरिक को परेशान किया गया तो हम चुप नहीं बैठेंगे।”
- उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नाम हटाने की कोशिश हुई तो दिल्ली में चुनाव आयोग का घेराव किया जाएगा।
🏛️ चुनाव आयोग का पक्ष: “कोई गतिरोध नहीं, संविधान के तहत प्रक्रिया”
- मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि SIR पूरी तरह संविधान-सम्मत और पारदर्शी प्रक्रिया है
- उन्होंने दोहराया कि अनुच्छेद 324(6) के तहत राज्य सरकारों को चुनावी कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी
- उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य सरकारें भी अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करेंगी
📋 SIR फेज़ 2: क्या है योजना?
- 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR फेज़ 2 लागू होगा
- इनमें शामिल हैं: पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, पुडुचेरी
- ड्राफ्ट वोटर लिस्ट: 9 दिसंबर 2025
- अंतिम मतदाता सूची: 7 फरवरी 2026
- यह प्रक्रिया 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा है
🔍 राजनीतिक पृष्ठभूमि
- SIR का पहला चरण बिहार में हुआ था, जिसमें 80 लाख से अधिक डुप्लिकेट और अमान्य नाम हटाए गए
- इससे राजनीतिक विवाद भी पैदा हुआ था
- बंगाल में TMC और BJP के बीच वोटर लिस्ट को लेकर पहले भी आरोप-प्रत्यारोप होते रहे हैं
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