सिलीगुड़ी | 24 अक्टूबर 2025 : पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी स्थित एक निजी नर्सिंग होम में गुरुवार देर रात आग लगने से एक मरीज की मौत हो गई। हादसे के समय अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों को कर्मचारियों और पुलिस की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
🏥 हादसे की जानकारी
- मृतक मरीज आईसीयू में भर्ती था
- अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मौत धुएं से दम घुटने के कारण हुई या अन्य वजहों से
- जनरल वार्ड के 12 मरीज और आईसीयू के 5 मरीज सुरक्षित हैं
- सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस उपायुक्त राकेश सिंह ने बताया कि
“पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी”
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती मृतक मरीज की मौत आग के धुएं के कारण दम घुटने से हुई या अन्य कारणों से। आग की खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के उपायुक्त राकेश सिंह ने बाद में मीडियाकर्मियों को बताया कि जनरल वार्ड के 12 मरीजों और आईसीयू के पांच मरीजों पर आग का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और वे सभी सुरक्षित हैं।
⚠️ लापरवाही के आरोप
- मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि
“आग लगने के समय अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सा और सहायक कर्मचारी नहीं थे”
- अग्निशमन उपकरणों का उपयोग प्रभावी ढंग से नहीं किया गया
- अग्निशमन विभाग के अधिकारी ने भी कुछ हद तक आरोपों की पुष्टि की
- नर्सिंग होम प्रशासन ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि
“कर्मचारी मौजूद थे और स्थिति को प्रभावी ढंग से संभाला गया”
राकेश सिंह ने कहा कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कानूनी प्रावधानों के अनुसार उचित कदम उठाएगी। हालांकि, मरीजों के रिश्तेदारों ने आपातकालीन मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रावधानों की कमी के संबंध में नर्सिंग होम अधिकारियों की लापरवाही की शिकायत की है।
उन्होंने शिकायत की कि आग लगने के समय चिकित्सा कर्मचारियों की कमी थी और आधी रात के बाद जब आग लगी तो नर्सिंग होम के अग्निशमन उपकरणों का उपयोग करने के लिए पर्याप्त सहायक कर्मचारी भी नहीं थे।

🔍 प्रारंभिक जांच
- आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया है
- अस्पताल की आपातकालीन तैयारी और अग्नि सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं
- स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से जवाबदेही की मांग की जा रही है
घटनास्थल पर मौजूद अग्निशमन विभाग के अधिकारी ने भी कुछ हद तक रिश्तेदारों के आरोपों की पुष्टि की, जिन्होंने कहा कि यदि नर्सिंग होम के अग्निशमन उपकरणों का वहां मौजूद कर्मचारियों द्वारा प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया होता तो आग पर तुरंत काबू पाया जा सकता था। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट था।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।



