
खड़गपुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिला स्वास्थ्य महकमे की पहल पर खड़गपुर तहसील के केशियाड़ी ब्लॉक के गणसारिषा आयुष स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को पहला सिलिकोसिस निदान शिविर आयोजित किया गया। जिसमें मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक डॉ. उज्ज्वल दास और केशियाड़ी ब्लॉक अस्पताल के बीएमओएच डॉ. अर्पण नायक उपस्थित थे।
गणसारिषा आयुष स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत टीबी के मरीजों, मरीजों के परिवार के सदस्यों और इस क्षेत्र के प्रवासी श्रमिकों, जिन्होंने आसनसोल के दुर्गापुर इलाके में पत्थर तोड़ने वाली फैक्ट्री में अलग-अलग समय में काम किया था और दो बार, तीन बार, चार बार, यहां तक कि पांच बार टीबी की दवा लेने के बावजूद ठीक नहीं हुए थे, की जांच की गई।
शुरुआत में पांच लोगों के नाम सामने आए थे, लेकिन बाद में 21 लोगों के नाम सामने आए। गनसरीशा, करंजिमुरा, गोपीनाथपुर, जयपुर, वेलमपुर, प्रतापपुर और पंसगंज गांवों में पत्थर का काम करने वाले लोग विभिन्न समय पर पत्थर को तोड़ने या पत्थर का चूर्ण बनाने का काम करते थे।
125 टीबी रोगियों, रोगियों के परिवार के सदस्यों और 10 सिलिकोसिस प्रभावित श्रमिकों से जानकारी एकत्र की गई। प्रारंभ में उनमें से पांच को परीक्षण के लिए एक निश्चित तिथि पर मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया जाएगा और सिलिकोसिस कार्ड जारी किए जाएंगे।
कार्यक्रम प्रबंधक संकलन माईती, गैंसरिषा आयुष स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. सामंता, सामाजिक कार्यकर्ता झरना आचार्य व केशियाड़ी तथा गैंसरिषा एएनएम, आशा व टीबी विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।
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