सुपात्रों को मौन सहायता ही श्रेष्ठ ! प्रचार के भूखे “आधुनिक कर्ण !!

तारकेश कुमार ओझा , खड़गपुर : दान वही जो बगैर प्रतिफल की आस के मौन रूप से की जाए । विडंबना कि आधुनिक कर्णों में प्रचार की भूख लगातार बढ़ रही है । खड़गपुर नगरपालिका वार्ड ११ के बेहरापाड़ा में स्वयं सहायता दल के कार्यक्रम में यह बात वक्ताओं ने कही । मलिन बस्तियों में बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री वितरण कार्यक्रम के तहत यह समारोह आयोजित किया गया था । इसके तहत करीब ७० बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री वितरित की गई । समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में समीर दास , अशोक सिंह , अभिषेक वर्मन तथा लक्षमण आदि शामिल रहे । आयोजक संस्था की ओर से अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि शहर को आदर्श नगर बनाने के उद्देश्य से पिछले छह साल से हम यह कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं ।

इसकी शुरूआत २०१४ में की गई थी । कोरोना काल और लॉक डाउन के चलते पिछले सात महीने से हम कायदे से गतिविधियों को संचालित नहीं कर पा रहे थे । अब हमने फिर शुरुआत की है । सभी बच्चों को समुचित शिक्षा और संस्कार देकर मजबूत राष्ट्र का निर्माण इस मिशन का उद्देश्य है । अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संस्कृति और इतिहास में दान और सहायता का बड़ा महत्व है । कर्ण जैसा दानवीर पात्र विश्व में शायद ही कहीं मिले । लेकिन विडंबना यह कि आधुनिक कर्णों में प्रचार की भूख लगातार बढ़ रही है । जबकि सुपात्रों को समय पर मौन सहायता ही श्रेष्ठ है ।

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