
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को ‘‘हिंदू विरोधी’’ करार दिया। बनर्जी ने अधिकारी के इस आरोप पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें ‘हिंदुत्व’ के बारे में कोई शिक्षा लेने या अपने धार्मिक विश्वासों के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है।
भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष और पार्टी के अन्य विधायक बीरभूम जिले और कुछ अन्य हिस्सों में होली के दौरान हिंदुओं और पूजा स्थलों पर हुए कथित हमलों की घटना के संबंध में विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश करना चाहते थे, लेकिन अध्यक्ष ने इसे अनुमति देने से इनकार कर दिया जिसके बाद पार्टी के विधायकों ने ‘‘हम अब हिंदू विरोधी सरकार नहीं चाहते हैं’’ का नारे लगाते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया था।
बनर्जी ने घोष को सदन में कुछ समय के लिए प्रस्ताव पढ़ने की अनुमति दी, लेकिन जब उन्होंने हिंदुओं पर कथित हमलों का उल्लेख किया तो अध्यक्ष ने कहा कि प्रस्ताव पर राज्य सरकार को कोई चर्चा या बयान देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद भाजपा विधायकों को विधानसभा से बहिर्गमन कर दिया।
अधिकारी ने बनर्जी पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किए पोस्ट में कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा के माननीय अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव से ‘हिंदुत्व’ शब्द को हटा दिया है। क्या ‘हिंदुत्व’ शब्द असंवैधानिक या असंसदीय है? वह ‘हिंदुत्व’ शब्द को कैसे संपादित और हटा सकते हैं?’’
उन्होंने अध्यक्ष को ‘‘हिंदू विरोधी’’ करार देते हुए कहा कि वह (बनर्जी) ‘‘हमारी आवाज दबाकर हिंदुत्ववादी विधायकों को किनारे करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे। हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे और उन्हें ‘हिंदुत्व’ शब्द सुनाते रहेंगे। उन्हें इससे बहुत नफरत है।’’
संपर्क करने पर बिमान बनर्जी ने कहा, ‘‘मुझे शुभेंदु अधिकारी से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है। साथ ही मुझे इस मुद्दे (धार्मिक विश्वास) पर उनका प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है।’’
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