खड़गपुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर सिटी कॉलेज के वैज्ञानिकों ने एक नए बैक्टीरियोफेज की पहचान करने में सफलता प्राप्त की है, जिसका नाम AHPMCC7 है। यह बैक्टीरियोफेज मल्टी-ड्रग प्रतिरोधी एरोमोनास हाइड्रोफिला नामक हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में सक्षम है, जो झींगे की बीमारी का कारण बनता है और झींगा पालन में बड़े पैमाने पर मृत्यु के लिए जिम्मेदार है।
नई खोज के मुख्य बिंदु : बैक्टीरियोफेज AHPMCC7 यह एक नए प्रकार का बैक्टीरियोफेज है, जो एरोमोनास हाइड्रोफिला नामक बैक्टीरिया को नष्ट करने में सक्षम है।
आर्थिक लाभ : इस खोज से झींगा पालन में होने वाले आर्थिक नुकसान को कम करने में मदद मिल सकती है।

अंतर्राष्ट्रीय मान्यता : इस खोज को वाइरस की वर्गीकरण संबंधी अंतर्राष्ट्रीय समिति (ICTV) द्वारा मान्यता प्राप्त हुई है और उनके डेटाबेस में शामिल किया गया है।
अनुसन्धान टीम : इस गवेषणा का नेतृत्व मेदिनीपुर सिटी कॉलेज के उपाध्यक्ष प्रोफेसर कुंतल घोष ने किया, जिसमें उनकी छात्रा स्मिता घोष ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इस सफलता से मेदिनीपुर सिटी कॉलेज के वैज्ञानिकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है और इससे मल्टी-ड्रग प्रतिरोधी बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ाई में नई उम्मीद जगी है।
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