जज्बे को सलाम : तीन बार बेचने और कई बार दुष्कर्म के बावजूद नहीं हारी हिम्मत

कोलकाता। तीन बार बेचे जाने और कई बार बलात्कार का शिकार होने के सदमे से उबरने की कोशिश कर रही 22 वर्षीय एक महिला ने पश्चिम बंगाल में उच्चतर माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली और अब वह कॉलेज जाने के लिए तैयारी कर रही है। पश्चिम बंगाल में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के एक अधिकारी ने बताया कि महिला जब किशोरी थी, जब मानव तस्करों ने चार महीनों में विभिन्न राज्यों में उसे तीन बार बेचा और इस दौरान कई पुरुषों ने उससे बलात्कार किया और इतना ही नहीं, उसका विवाह उससे 30 वर्ष बड़े व्यक्ति से जबरन करा दिया गया। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की उत्तर 24 परगना जिला स्थित अदालत ने महिला से जुड़े मामले में हाल में चार लोगों को 20-20 साल और दो अन्य को 10-10 साल कारावास की सजा सुनाई है।

सीआईडी अधिकारियों ने एक महिला, पीड़िता के ‘‘प्रेमी’’ राहुल समेत छह आरोपियों को बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से गिरफ्तार किया। पीड़िता को उत्तराखंड में बचाया गया था। साड़ी की एक दुकान में काम करने वाले पीड़िता के पिता ने कहा, ‘‘ईश्वर की कृपा से हमें हमारी बेटी वापस मिल गई है। जो होना था, वह हो गया। हमें खुशी है कि उसके दु:खों के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जा चुकी है।’’ उन्होंने कहा कि परिवार अब उसके विवाह के लिए उपयुक्त व्यक्ति की तलाश कर रहा है। पीड़िता के दुखों का दौर सात साल पहले उस समय शुरू हुआ, जब सोशल मीडिया मंच के जरिए उसकी एक व्यक्ति से मुलाकात हुई।

उसे उससे प्रेम हो गया और वह स्कूल जाने का बहाना बनाकर घर से भाग गई। राज्य में सीआईडी की मानव तस्करी रोधी इकाई के एक अधिकारी ने बताया कि पीड़िता की सात जनवरी, 2015 को कोलकाता की साइंस सिटी में राहुल से मुलाकात हुई, जो उसे बिहार की बस पकड़ने के लिए बाबूघाट ले गया। लेकिन वह उसे वापस लौटने का वादा कर, बस में अकेला छोड़ गया और पीड़िता को बाद में पता चला कि राहुल ने उसे डेढ़ लाख रुपए में किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया था।

अधिकारी ने बताया कि राहुल का मित्र होने का दावा करने वाला व्यक्ति उसे बाद में ट्रेन से बिहार लेकर गया और उसने उसे कमल नाम के एक अन्य व्यक्ति को बेच दिया, जो पीड़िता को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में चित्रा नाम की एक महिला के पास लेकर गया। उन्होंने बताया कि पीड़िता को खरीदने वाली तीसरी व्यक्ति चित्रा ने उसकी अपने 45 वर्षीय भाई से जबरन शादी करा दी। इसके बाद चित्रा के बेटे लव ने कई बार पीड़िता से बलात्कार किया। इसी बीच पीड़िता को चित्रा के मोबाइल फोन से अपनी मां को फोन करने का मौका मिल गया और उसने उसे बताया कि वह कहां है।’’

बंगाल पुलिस ने राहुल को बिहार में गिरफ्तार कर लिया। सीआईडी अधिकारी ने बताया कि चित्रा डर गई और उसने कमल से नाबालिग पीड़िता को ले जाने को कहा। इसके बाद कमल और उसका सहयोगी भीष्म उसे उत्तराखंड के काशीपुर ले गए। उन्होंने बताया कि जब कमल और भीष्म को पता चला कि चित्रा और लव को गिरफ्तार कर लिया गया है, तो उन्होंने गुस्से में पीड़िता से कई बार बलात्कार किया और वे उसे काशीपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर छोड़कर चले गए।

सीआईडी अधिकारी ने बताया कि उन्हें और उनके दल को पीड़िता रेलवे स्टेशन के एक कोने में मिली, जो सदमे में थी। वे उसे वापस पश्चिम बंगाल लेकर आए। उन्होंने कहा, ‘‘वह सदमे के कारण बात भी नहीं कर पा रही थी और एक महीने से अधिक समय तक चुप रही। हमें उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाना पड़ा और काउंसलिंग के कई सत्रों के बाद उसने अपनी पीड़ा बताई।’’ अधिकारी ने कहा कि मई 2015 में बचाई गई पीड़िता सरकारी आश्रय घर में रह रही है और उसे नया जीवन शुरू करते देखकर खुशी होती है।

उन्होंने हालांकि इस बात पर दुख जताया कि पीडिता को बस से ला कर कमल के पास बेचने वाले व्यक्ति का पता नहीं चल पाया। उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में पोक्सो अदालत ने छह आरोपियों को दोषी ठहराया। इनमें से चित्रा और राहुल को दस-दस साल कैद और चित्रा के भाई कमल, लव, भीष्म तथा एक अन्य दोषी को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई गई।

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