सादगी की मिसाल थे स्वर्गीय जतीन मित्रा 

तारकेश कुमार ओझा , खड़गपुर : कामरेड जतीन मित्रा आजीवन सादगी की मिसाल बने रहे । नई पीढ़ी के लिए यह विश्वास करना मुश्किल होगा कि राजनीति में रह कर कोई इतना सहज – सरल हो सकता है । खड़गपुर के खरीदा स्थित जैन धर्मशाला में आयोजित रक्तदान शिविर में यह बात विशिष्ट व्यक्तियों ने कही । जतीन मित्रा स्मृति रक्षा समिति की ओर से आयोजित इस रक्तदान शिविर में लोगों ने ये विचार व्यक्त किए ।

कोरोना काल में रक्त की आवश्यकता पर समिति ने कामरेड मित्रा की मृत्यु वार्षिकी पर यह शिविर आयोजित की थी । इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में अनिल दास , शेष गिरि राव , मनोज धर, अरुण और केया सितदे आदि शामिल रही । कामरेड मित्रा को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि।वाममोर्चा के स्वर्ण काल में वे वामपंथी राजनीति से जुड़े रहे । उन्होंने कई चुनाव भी लड़े ।

लेकिन उन्हें न तो स्वजन पोषण का रोग कभी लग पाया और न कभी अहंकार छू पाया । नई पीढ़ी को उनके आदर्शों से सीख लेनी चाहिए। क्योंकि ऐसे नेता विरले ही होते हैं । समाचार प्रेषण तक २६ यूनिट रक्तदान हो चुका था । जबकि रक्त देने वालों का तांता लगा रहा ।

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