खारकिव में रूसी सैनिकों का हमला, कई भारतीय छात्र फंसे

कीव। यूक्रेन में रूसी सेना युद्ध के चौथे दिन कीव के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकिव में भी प्रवेश कर चुके हैं। खारकिव में रूसी सेनाओं ने हमला करना शुरू कर दिया है। यहां कई भारतीय छात्र भी फंसे हुए हैं। रूसी सैनिकों द्वारा मिसाइलों, हेलीकॉप्टरों, टैंकों और विमानों द्वारा हमले किए जा रहे हैं, जिसमें अभी तक 200 अधिक लोग मारे जा चुके हैं। जानकारी के अऩुसार, कीव के बाद खारकिव में भी रूसी सैनाओं ने हमले तेज कर दिए हैं। यहां अभी कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। वे लोग गोलीबारी के बीच अपने माता-पिता तथा दोस्तों को फेसबूक के माध्यम से स्थिति के बारे में सूचित कर रहे हैं। मीडियाकर्मी भी उनलोगों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन खराब नेटवर्क की वजह से कठिनाई आ रही है।

पुतिन के अंत की शुरुआत हो सकता है यह युद्ध : ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी सैन्य हमला राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अंत की शुरुआत हो सकता है। ट्रस ने स्काई न्यूज पर ट्रेवर फिलिप्स के कार्यक्रम में कहा, “हम यूक्रेन के ताकतवर और कड़े प्रतिरोध को देख रहे हैं और ब्रिटेन उन्हें हथियार की आपूर्ति और आर्थिक सहायता देना जारी रखेगा।” उन्होंने कहा कि पश्चिमी प्रतिबंधों से रूसी अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान को देखते हुए उनका मानना है कि पुतिन एक रणनीतिक गलती कर रहे हैं।

यूक्रेन में कोई बेलारूसी सैनिक नहीं: बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा कि यूक्रेन में कोई बेलारूसी सैनिक या हथियार नहीं हैं क्योंकि रूस को यूक्रेन में सफल सैन्य अभियान चलाने के लिए उनकी आवश्यकता नहीं है। लुकाशेंको ने कहा, “वह (यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की) अपने क्षेत्र से (यूक्रेन में) लड़ने के लिए हमारी निंदा करते हैं। हमारा एक भी सैनिक नहीं है … एक भी लड़ाकू वाहन नहीं है। एक भी मशीन गन, ग्रेनेड लॉन्चर या बंदूक नहीं है। एक भी बेलारूसी कारतूस नहीं है। इस कारण नहीं कि हम किसी चीज से डरते या घबराते हैं बल्कि इसलिए क्योंकि रूस को इसकी आवश्यकता नहीं है।”

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