कोलकाता गैंगरेप पर बंगाल में हंगामा, पुलिस हिरासत से रिहा हुए सुकांत मजूमदार

Kolkata Law College Gangrape Case: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना ने पूरे राज्य में हंगामा मचा दिया है। इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ तीखा हमला बोला है।

बीजेपी के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार को 28 जून को कोलकाता में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया। जहां वह रातभर लालबाजार पुलिस मुख्यालय में बंद रहे। जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया है।

वहीं, अब इसके विरोध में बीजेपी ने आज 29 जून को शाम को राज्यभर के थानों का घेराव करने का ऐलान किया है।

  • क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 25 जून को शाम करीब 4 बजे पीड़िता कॉलेज में एक टेस्ट के लिए फॉर्म भरने गई थी। इस दौरान मुख्य आरोपी और का पूर्व छात्र और तृणमूल कांग्रेस छत्र परिषद (TMCP) का दक्षिण कोलकाता जिला महासचिव मनोजीत मिश्रा ने उसे छात्रसंघ कार्यालय के पास रुकने के लिए कहा।

पीड़िता की शिकायत के अनुसार, मनोजीत ने उससे शादी का प्रस्ताव रखा था, जिसे उसने ठुकरा दिया क्योंकि उसका पहले से ही एक बॉयफ्रेंड था।

इससे नाराज होकर मनोजीत ने दो अन्य आरोपियों और कॉलेज के वर्तमान छात्र 19 वर्षीय जैब अहमद और 20 वर्षीय प्रमीत मुखर्जी के साथ मिलकर उसे कॉलेज के गार्ड रूम में जबरन ले जाकर यौन शोषण किया।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने मुख्य आरोपी के पैर छूकर छोड़ने की गुहार लगाई। लेकिन आरोपियों ने उसे धमकाया और उसका वीडियो बनाकर उसे ऑनलाइन वायरल करने की धमकी दी।

इस घटना के बाद बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था में विफलता का आरोप लगाते हुए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किए।

28 जून को कोलकाता के गड़ियाहाट क्रॉसिंग पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में एक रैली निकालने की कोशिश की, जो लॉ कॉलेज तक जाने वाली थी।

पुलिस ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रैली को रोक दिया और मजूमदार सहित कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। उन्हें लालबाजार पुलिस मुख्यालय ले जाया गया, जहां वह रातभर हिरासत में रहे।

हिरासत के दौरान मजूमदार ने जमानत बांड पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया और कहा ‘मैं बंगाल की महिलाओं की इज्जत और सम्मान के लिए लड़ रहा हूं।

मैं जमानत बांड पर हस्ताक्षर नहीं करूंगा, भले ही मुझे जेल में रात बितानी पड़े।’

रिहाई के बाद 29 जून को उन्होंने कहा ‘जब सरकार और पुलिस सोती है, तो किसी को तो जागना पड़ता है।’ उन्होंने ममता बनर्जी पर लोकतंत्र को कुचलने और आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।

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