
कोलकाता : RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरु में 21 से 23 मार्च के बीच होने जा रही है जिसमें संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि के हिस्सा लेंगे। इस बैठक में भारत भर से लगभग 1500 से 1600 संघ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। हर साल यह बैठक मार्च महीने में होती है और इस बैठक में 1 वर्ष का कामकाज तय किया जाता है। यह संघ की स्थापना का 100वां वर्ष है।
ऐसे में इस बैठक में मुख्य रूप से संघ के अगले वर्ष के कार्यक्रमों के संबंध मे विचार होगा। विजयादशमी 2025 से विजयदशमी 2026 तक संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा। इस दौरान संघ के कार्यक्रमों को किस तरीके से आयोजित करना है इस संबंध में भी यहां पर चर्चा होगी।
इस बैठक से पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बिहार दौरा काफी अहम माना जा रहा है। आरएसएस के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बैठक में बिहार चुनाव के संबंध में भी चर्चा होगी।
बिहार चुनाव से संबंधित सभी सहयोगी संगठनों को कार्य करने का दिशा निर्देश भी तय किया जाएगा। बिहार प्रवास से पहले आरएसएस के सरसंचालक मोहन भागवत पूर्वी भारत के प्रवास पर थे।
10 दिन का बंगाल प्रवास, 5 दिन का असम प्रवास, चार दिन का अरुणाचल का प्रवास, अब बिहार का प्रवास। 2026 के मार्च-अप्रैल के महीने में बंगाल का भी चुनाव होने की संभावना है। उस संबंध में भी इस बैठक में चर्चा होने की पूरी संभावना बताई जा रही है।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में संघ के 45 प्रांत के साथ-साथ सभी क्षेत्र के क्षेत्र प्रमुख, प्रांत प्रमुख मौजूद रहते हैं। इसके अतिरिक्त संघ के सभी 32 सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे, जिसमें विश्व हिंदू परिषद, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्र सेविका समिति, जैसे सभी संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
प्रतिवर्ष ये बैठक मार्च में होती है और हर 3 साल बाद यह बैठक चुनावी वर्ष के रूप में मानी जाती है। हर तीसरे वर्ष नागपुर में बैठक संपन्न होती है। पिछले वर्ष यह बैठक नागपुर में हुई थी और इस वर्ष यह बैठक बेंगलुरु में हो रही है।
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