बिहार में नदियां फिर से तबाही मचाने को आतुर, निचले इलाकों में फिर बाढ़ का खतरा

पटना। बिहार के पटना सहित कई जिलों में बाढ़ की स्थिति में सुधार के बाद बिहार तथा नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण एकबार फिर प्रमुख नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। राज्य की अधिकांश प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इधर, गोपालगंज सहित कई जिलों के निचले इलाकों को खाली करने का आदेश दे दिया गया है।
जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि गंगा नदी पटना के हाथीदह, भागलपुर के कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि पुनपुन पटना के श्रीपालपुर में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।

इसके अलावा बागमती नदी सीतामढ़ी के सोनाखान व कंसार, शिवहर के डूबाधार, मुजफ्फरपुर के कटौंझा व बेनीबाद, दरभंगा के हायाघाट में खतरे के निशान से ऊपर तथा बूढी गंडक नदी समस्तीपुर के रोसडा रेल पुल और खगड़िया में लाल निशान के ऊपर बह रही है।
कमला बलान मधुबनी के जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान को पार कर गई है। घाघरा नदी सीवान के दरौली में तथा महानंदा पूर्णिया के ढेंगरा घाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

कोसी नदी खगड़िया के बलतारा और कटिहार के करसेला में गंडक गोपालगंज के डुमरिया घाट में लाल निशान के ऊपर बह रही है। इधर, सोन नदी पर बने इंद्रपुरी बैराज के पास नदी के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। यहां सुबह छह बजे सोन नदी का जलस्तर 12,551 क्यूसेक था जो दिन के दो बजे बढ़कर 18636 क्यूसेक तक पहुंच गया। प्रमुख नदियों के उफान के बाद कई इलाकों में फिर से बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। गोपालगंज में जिला प्रशासन ने निचले इलाकों से सभी को बाहर निकल जाने के आदेश दिए हैं।

गोपालगंज के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं। तटबंधों की लगातार निगरानी की जा रही है। इधर, बाढ़ की आशंका को लेकर कई गांवों में अफरातफरी की स्थिति बनी हुई है। राज्य में बाढ़ से करीब 15 जिले प्रभवित हैं। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राहत कार्य चलाए जा रहे हैं।

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