#Railway : RPF की चतुराई, रोक के बाद बदला तबादले का तरीका

कोलकाता : कोविड की वजह से रेलवे बोर्ड द्वारा 30 सितंबर तक तबादला पर रोक लगा दिया गया इसके बावजूद आरपीएफ की हठधर्मिता बरकरार है। आरपीएफ के आला अधिकारी कोविड महामारी को दरकिनार कर कर्मचारियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने में तुले हुए हैं। यही वजह है कि आरपीएफ ने रेलवे बोर्ड के आदेश को अनदेखा कर किसी भी हाल में तबादला करने के लिए दूसरा रास्ता खोज निकाला है।

हालांकि इसे स्वैच्छा की संज्ञा दी गई है। ऐसा ही एक फरमान आसनसोल रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त की ओर से जारी किया गया है। पूर्व रेलवे के सिर्फ एक रेल मंडल द्वारा जारी इस फरमान को लेकर आरपीएफ कर्मचारियों में चर्चाएं शुरू हो गई है।

बता दें कि कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने 30 जून तक कर्मचारियों के तबादले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इसकी समय अवधि को बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया था। लेकिन रेलवे बोर्ड के आदेश के विपरित डीजी आरपीएफ के कार्यालय से पहली जुलाई से ही तबादला हुए कर्मचारियों को नए स्थान पर पहुंचने का फरमान जारी कर दिया गया था।

जब यह मामला मीडिया की सुर्खियां बनी तो आरपीएफ ने भी तबादले को 30 सितंबर तक टालने का आदेश जारी कर दिया था। इस आदेश से कर्मचारियों को थोड़ी राहत जरूर पहुंची थी। लेकिन आरपीएफ के आला अधिकारियों ने अंदर ही अंदर कर्मचारियों को ढाल बनाकर तबादले को लेकर नया खेल शुरू कर दिया।

सूत्रों के अनुसार आसनसोल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त की ओर से 9 जुलाई को सभी पोस्ट कमांडर और यूनिट इंचार्ज को एक आदेश जारी किया गया। जिसमें दूसरे रेल मंडल में तबादला किए गए कर्मचारियों से आवेदन मांगा गया है। पत्र में कहा गया कि अक्टूबर से पहले जो कर्मचारी स्वैच्छा से अपने नए स्थान पर जाना चाहते हैं वो 11 जुलाई तक अपना आवेदन पत्र कार्यालय में जमा कर दें।

सूत्रों के अनुसार आरपीएफ कर्मचारियों द्वारा आवेदन जमा किए जाने के बाद एप्लीकेशन को पूर्व रेलवे मुख्यालय भेजा जाएगा। इसके बाद डीजी आरपीएफ से संस्तुति मिलने के बाद उक्त कर्मचारियों को उनके नए स्थान पर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यदि आरपीएफ अफसरों की यह मंशा कामयाब होती है तो इसका असर तबादला की जद में आए उन कर्मचारियों को पड़ेगा।

जो कोविड की वजह से अपने नए स्थान पर ज्वाइनिंग नहीं करना चाहते हैं। क्योंकि जब आसनसोल डिवीजन से तबादला हुए आरपीएफ कर्मचारी स्वैच्छा से अपन नए स्थान पर पहुंच जाएंगे तो उस स्थान पर तैनात कर्मचारी को मतबूरन वहां से हटना पड़ेगा। सवाल यह उठता है कि जब रेलवे बोर्ड ने 30 सितंबर तक तबादले पर रोक लगा दी है तो आरपीएफ अफसरों को ऐसी क्या जल्दबाजी है।

जो वह कोरोना हालात में सुधार होने तक का भी इंतजार करने को तैयार नहीं है। जानकारों की माने तो पूर्व रेलवे मुख्यालय में बैठे आरपीएफ के आला अधिकारी इस दफा कर्मचारियों को ढाल बनाकर आसनसोल डिवीजन से नए स्थान पर स्वैच्छा से जाने को प्रयोग के तौर पर शुरू करना चाहता है। ऐसी स्थिति में यदि यह प्रयोग विवादों में आता है तो आला अधिकारी साफ बच जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *