मांगों को लेकर भूख हड़ताल भी कर सकते हैं रेलवे रनिंग स्टाफ!

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। रेलवे की ट्रॉली बैग नीति को लेकर रनिंग स्टाफ भूख हड़ताल भी कर सकते हैं। हालांकि इसके पहले अन्य विकल्पों पर गौर किया जाएगा। इसका फैसला खड़गपुर के गोल बाजार स्थित सामुदायिक भवन में आयोजित ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन में किया गया। बैठक में भविष्य की रणनीति के लिए ज्वाइंट फोरम का गठन भी किया गया। इस बैठक में ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल, ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन, दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस व मेंस यूनियन, डीपीआरएमएस व वह एसआरबीकेयू के तमाम प्रतिनिधि उपस्थित थे।

उपस्थित नेताओं में डी. मित्रा, जी.पी. यादव, एस.पी. सिंह, टी.एच. राव, आर. भादुड़ी, देवाशीष चटर्जी तथा रामनरेश आदि शामिल रहे। बैठक में रेलवे की ट्रॉली बैग नीति का पुरजोर विरोध करते हुए कहा गया कि रनिंग स्टाफ ट्रॉली बैग को ढोने के पक्ष में नहीं है। ट्रॉली बैग के लिए रेलवे प्रशासन ने जो ₹5000 वेतन के साथ दिए हैं उसे भी गार्ड वापस करना चाहते हैं।

ज्वाइंट फोरम के तहत हम मुख्यालय गार्डनरीच में प्रदर्शन और रेल महाप्रबंधक से मुलाकात जैसे विकल्पों पर गौर करेंगे। सुफल नहीं मिलने पर 31 जुलाई को सभी मंडलों में 24 घंटे का भूख हड़ताल भी करेंगे। नेताओं ने कहा कि रेलवे विभिन्न मदों में कास्ट कंट्रोल करे, इससे हमें कोई एतराज नहीं। लेकिन हम चाहते हैं कि रेलवे प्रशासन गार्ड को ट्रॉली बैग ढोने पर मजबूर करने के बजाए गार्ड लॉबी में ही ऐसी व्यवस्था कर दें जिससे उन्हें बैग ढोने की बाध्यता से मुक्ति मिल जाए।

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