कोलकाता/पटना। पूर्णिया में कोलकाता और बिहार एसटीएफ के द्वारा संयुक्त छापेमारी में धमदाहा थाना क्षेत्र के कुकरौन नंबर 1 गांव में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया गया। इस दौरान कुल 20 अर्धनिर्मित पिस्टल व पिस्टल बनाने से जुड़ी अन्य सामग्री जब्त की गई। जबकि पिस्टल बनाने वाले तीन कारीगरों को भी गिरफ्तार किया गया है। वहीं, इसका मास्टरमाइंड दोनों भाई अभी तक फरार है। इस मामले में डीएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि कोलकाता और बिहार एसटीएफ ने सूचना के आधार पर कुकरौन नंबर 1 गांव में स्थित गौरव चौधरी और सौरव चौधरी के घर छापेमारी की थी।

मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा
बता दें कि दोनों ही रिश्ते में सगे भाई हैं। छापेमारी के दौरान पता चला कि कैसे गैराज चलाने की आड़ में पिस्टल बनाने का कार्य किया जाता था। वहीं, एसटीएफ से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि डेढ़ महीने पूर्व कोलकाता में हथियार तस्कर को गिरफ्तार किया गया था, जो कि मुंगेर का रहने वाला था। जब उससे पूछताछ की गई तो पूछताछ के दौरान उससे कई अहम जानकारियां कोलकाता एसटीएफ को दी।

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जिसके बाद कोलकाता एसटीएफ की टीम ने बिहार एसटीएफ से संपर्क साधा और दोनों के द्वारा संयुक्त रूप से इस पूरे मामले पर छानबीन शुरू कर दी गई। छानबीन के दौरान हथियार तस्कर के तार धमधा थाना क्षेत्र के टुकड़ों से जुड़ा। 1 महीने की रेकी व जांच पड़ताल के बाद एसटीएफ की टीम ने धमदाहा डीएसपी के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस के सहयोग से कुकर गांव में छापेमारी की. जहां से यह सभी सामान बरामद हुआ।

बिहार और बंगाल STF ने की छापेमारी
हथियार बनाने वाले कारीगरों में 5 लोग शामिल थे, जिसमें दो भागने में सफल रहे, जबकि तीन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार कारीगरों में खनका बारा मुंगेर जिला निवासी मोहम्मद शाहिद, मो सहाबुद्दीन, भागलपुर के बिहपुर निवासी मोहम्मद शाहनवाज आलम शामिल हैं, जबकि जिसके घर में यह कारखाना चल रहा था, वह दोनों फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. जिसकी छापेमारी के लिए पुलिस लगातार जुटी हुई है।

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