People of Bihar will vote for children's education and employment: Prashant Kishore

बंगाल और बिहार दोनों जगह की वोटर लिस्ट में प्रशांत किशोर का नाम! चुनावी रणनीतिकार पर उठे सवाल

नई दिल्ली | 28 अक्टूबर 2025जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक नए विवाद में घिर गए हैं। Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, उनका नाम पश्चिम बंगाल और बिहार, दोनों राज्यों की मतदाता सूची में दर्ज है, जो चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन माना जा सकता है।

📍 कहां-कहां दर्ज है नाम?

  • पश्चिम बंगाल:
    • पता: 121 कालीघाट रोड, भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र
    • यह TMC का पार्टी ऑफिस है
    • प्रशांत किशोर ने 2021 विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के लिए रणनीतिकार की भूमिका निभाई थी
    • पोलिंग स्टेशन: St. Helen School, B. Ranisankari Lane
  • बिहार:
    • पता: कोनार गांव, करगहर विधानसभा क्षेत्र, सासाराम
    • पोलिंग स्टेशन: मध्य विद्यालय, कोनार
    • यह उनका पैतृक निवास क्षेत्र है

बता दें कि प्रशांत किशोर 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी के चुनाव रणनीतिकार थे. ऐसे में इस दौरान इस पार्टी दफ्तर में पीके का अक्सर आना-जाना लगा रहता था. माना जा रहा है कि उसी दौरान ये नाम वोटर लिस्ट में जुड़ा गया होगा.

⚖️ चुनाव आयोग के नियम क्या कहते हैं?

  • Representation of the People Act, 1950 की धारा 17 और 18 के अनुसार:
    • कोई व्यक्ति एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक बार ही वोटर के रूप में पंजीकृत हो सकता है
    • दो जगह नाम दर्ज होना अवैध है
    • अगर जानबूझकर ऐसा किया गया हो, तो अयोग्यता की कार्रवाई संभव है
इस मामले में खबर लिखे जाने तक प्रशांत किशोर की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं चुनाव आयोग के नियम के अनुसार एक वोटर सिर्फ एक ही जगह से इनरोल कर सकता है.

🗣️ क्या है प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया?

  • खबर लिखे जाने तक प्रशांत किशोर की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया
  • उनकी टीम का कहना है कि उन्होंने बंगाल से नाम हटाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन नाम हटाया नहीं गया

चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, एक वोटर एक ही जगह पर इनरोल हो सकता है. बिहार में हाल ही में SIR यानी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण चला था.

इस दौरान दो जगह पर इनराेल होने वाले कई वोटर्स के नाम हटाए गए थे. ऐसे में सवाल उठता है कि खुद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का नाम कैसे छूट गया.

🔍 विवाद क्यों अहम है?

  • प्रशांत किशोर चुनावी नैतिकता और रणनीति के विशेषज्ञ माने जाते हैं
  • ऐसे में दोहरी वोटर एंट्री से उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं
  • यह मामला बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के ठीक पहले सामने आया है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है

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