महिला सशक्तिकरण का सशक्त उदाहरण हैं पूनम जी कौशिक  

अमित कुमार अम्बष्ट “आमिली”, कोलकाता । राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था (नीति आयोग) का गठन 1 जनवरी 2015 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा किया गया है। जिसके तहत यह आयोग भारत सरकार के लिए कार्यनीतिक और दीर्घकालिक नीतियों और कार्यक्रमों को अभिकल्पित करने के साथ-साथ केन्द्र और राज्यों को प्रासांगिक तकनीकी सलाह भी प्रदान करता है। वास्तव में भारत सरकार ने नीतिगत सुधार हेतु उठाए कुछ आवश्यक कदमों में से एक कदम यह भी है कि 1950 में स्थापित योजना आयोग को प्रतिस्थापित कर, नीति आयोग का गठन किया है। जिसके अध्यक्ष स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं तथा सभी राज्यों के मुख्यमंत्री एवं संघ-राज्य क्षेत्रों के उपराज्यपाल को भी शामिल किया गया है।

आज जब देश इस वर्ष को अमृत महोत्सव के तौर पर मना रहा है, अमृत महोत्सव के तहत देश भर में अनेक सरकारी, गैर सरकारी कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहें हैं। इसी क्रम में नीति आयोग द्वारा पिछले दिनों दिल्ली में 5 वें “वुमन ट्राॅन्सफाॅर्मिंग इंडिया अवार्ड्स” वितरित किया गया। देश भर से 30 हजार प्राप्त प्रविष्टियों में से विभिन्न क्षेत्रों में सशक्त और सामर्थ भारत की दिशा में योगदान हेतु 75 महिलाओं को पुरस्कृत किया है। जिसमें मुख्य रूप से 2000 के ओलम्पिक में शामिल भारोत्तोलन में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला कर्णम मल्लेश्वरी, टोक्यो ओलम्पिक पदक विजेता लवलीना वोर्गोहेन सहित विभिन्न क्षेत्रों अपनी अलग पहचान बनाने वाली महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया।

नीति आयोग द्वारा पुरस्कृत विशिष्ट महिलाओं में एक नाम पूनम जी कौशिक का भी शामिल है। पूनम जी कौशिक को यह पुरस्कार उनके द्वारा 2006 में स्थापित मेटीओरिक बायोफार्मास्युटिकल्स कंपनी के लिए दिया गया है। इस कंपनी की स्थापना मात्र 23 साल की उम्र में अपने पति गौरव कौशिक के साथ किया था, जो अहमदाबाद में स्थित है। तकरीबन 15 साल के छोटे से अंतराल में आज मेटिओरिक बायोफार्मास्युटिकल्स ग्रुप ऑफ कंपनीज में तब्दील हो गयी है और देश के अतिरिक्त तकरीबन 50 से अधिक देशों को वेटनरी उत्पाद निर्यात कर रही है। अगर भारत की बात करें तो आज मेटीओरिक बायोफार्मास्युटिकल्स ग्रुप की टीम देश के कोने-कोने में कार्यशील है।

इस कंपनी की स्थापना के पीछे पूनम जी कौशिक का पशुओं की प्रति असीम स्नेह भी एक बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। हालांकि वुमन ट्रांफाॅर्मिग इंडियन अवार्ड और मेटीओरिक बायोफार्मास्युटिकल्स की स्थापना पूनम जी कौशिक के जीवन का महज एक आयाम है। जिसमें उनके व्यक्तित्व का पशुओं के स्नेह और व्यवसायिक पक्ष झलकता है। लेकिन यह पूनम कौशिक के जीवन का महज एक पहलू है। अगर उनके सामाजिक जीवन और उनके किए कार्यों का अवलोकन करें तो पूनम जी कौशिक द्वारा किए गए समाजिक कार्य, उनका व्यक्तित्व और विचारों का आकाश बेहद विस्तृत है।

2018 की एक घटना ने पूनम जी कौशिक के जीवन का लक्ष्य मानों बदल कर रख दिया। पूनम जी ने एक दु:खद सड़क दुर्घटना में अपने देवर विशाल सागर को खो दिया था। उनकी याद में पूनम जी कौशिक ने 2019 में एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) विशैलविन फाउंडेशन की स्थापना की। इस नाम के पीछे यह विचार था कि “हम जरूर जीतेंगे” यानि अंग्रेजी में इसका अनुवाद करें तो “वी शैल विन” यही पूनम जी कौशिक की गैरसरकारी संस्था विशैलविन फाउंडेशन के केन्द्र में निहित मूल भावना भी है। विशैलविन फाउंडेशन के तहत पूनम जी कौशिक सड़क दुर्घटना की स्थिति में कुछ खास शहरों में मुफ्त एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाती हैं। हार्ट अटेक जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए मुफ्त ट्रेनिंग की व्यवस्था, विपन्न बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था, किसी भी सामाजिक कार्य हेतु दूसरे संस्थाओं की मदद करना तथा मुख्य रूप से डाउन सिंड्रोम/थैलिसिमियां जैसी बीमारियों से ग्रसित बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

खास तौर से डाउन सिंड्रोम से ग्रसित बच्चों के बेहतरी, इलाज के लिए पूनम जी कौशिक निरंतर पुरजोर कोशिश कर रहीं हैं। इसी क्रम में पूनम जी कौशिक  कई ऑफलाइन/ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर करती रहती हैं। जिसका लाभ इन बिमारियों से ग्रसित बच्चों और उनके अभिभावकों को भी हुआ है। विशैलविन फाउंडेशन विगत दो वर्षों से गार्डियन एंजल अवार्ड्स का आयोजन भी कर रही है। जिसके तहत समाजिक कार्य से जुड़े विभिन्न संस्थाओं के केयर टेकर, समाजिक कार्यकर्ता, थेरेपिस्ट, काऊंसिलर, विशेष शिक्षक, सहित सामाजिक कार्य क्षेत्र में लगातार अपना योगदान दे रहे सामाजिक कार्यकर्ता एवं अभिभावकों को भी पुरस्कृत कर उनका हौसले बढा रही है।

कोरोना काल की बात करें तो जब देश के अस्पतालों में हाहाकार मचा था, संसद से सड़क तक लोग ऑक्सीजन की कमी से त्राहीमाम कर रहे थे, वैसी स्थिति में भी पूनम कौशिक ने विशैलविन फाॅऊनडेशन की ओर से मुफ्त ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर एव॔ सैकड़ों परिवार को मुफ्त राशन वितरित किया था। ऐसे न जाने कितने सामाजिक कार्य पूनम जी कौशिक के नाम दर्ज हैं। व्यक्तिगत रूप से जिसकी चर्चा से वो सदैव बचती हैं, पूनम जी कौशिक मेटीओरिक बायोफार्मास्युटिकल्स की संस्थापक तो हैं ही, साथ ही सीआईआई इंडियन वुमन नेटवर्क, गुजरात की वर्तमान अध्यक्ष के रूप में अपना योगदान दे रही हैं। नीति आयोग के अतिरिक्त कई और विशिष्ट सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी हैं।

अगर निजी जीवन की बात करें तो समाज सेवा, व्यवसाय के अतिरिक्त पूनम जी कौशिक को खाना बनाने तथा भ्रमण का शौक भी है। जिसके लिए अपने व्यस्ततम कार्यक्रम के बीच भी वो समय निकाल लेती हैं। अगर वर्तमान दौर में महिला सशक्तिकरण की बात करें तो अहमदाबाद (गुजरात) में जन्मी और पली-बढी पूनम कौशिक का जीवन और व्यक्तित्व महिला सशक्तिकरण का एक सशक्त उदाहरण है।

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