कोलकाता । हिंदी पखवाड़ा, बेटी दिवस एवं महालया के शुभ अवसर पर, राष्ट्रीय कवि संगम – मध्य कोलकाता द्वारा, प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरिधर राय की अध्यक्षता में एक दमदार काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका कुुल संयोजन एवं संचालन किया सौमि मजुमदार ने। इस अवसर पर प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. ऋषिकेश राय एवं श्यामा सिंह तथा प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह एवं प्रांतीय मंत्री बलवंत सिंह ‘गौतम’ की उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ देवी दुर्गा की वन्दना के साथ जिला महामंत्री स्वागता बसु ने की।
उसके बाद सभी उपस्थित रचनाकारों ने हिंदी, बेटी एवं माँ दुर्गा पर अपनी विशिष्ट रचनाएँ प्रस्तुत कर महालया के पावन दिवस को पुनीत एवं यादगार बना दिया। हिंदी की वर्तमान दुर्दशा पर बोलते हुए डॉ. गिरधर राय ने कहा कि अंग्रेजों ने दो सौ सालों में उतना नुकसान नहीं किए जितना नुकसान अंग्रेजी में रूचि रखने वालों ने किया। वरिष्ठ कवयित्री श्यामा सिंह ने अपनी रचना ‘मेरी झोली में भरे हैं ढेर सारे आस्थाओं के बीज’ सुनाकर देवी दुर्गा को भाव पुष्प चढ़ाए तो जिला संरक्षक उमेश चंद तिवारी ने भी भगवान् श्री कृष्ण पर भजन सुनाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
एक ओर स्वागता बसु ने अपनी ग़ज़ल ‘जो नगमों की तहरीर दूँ, मुझमें है वो बात कहाँ’ सुनाकर शाम को रूहानी बनाया तो युवा कवि देवेश मिश्र ने ‘हमने अज्ञान के अन्धकार में ज्ञान प्रकाश जलाया है’ सुनाकर सभी में ऊर्जा का संचार कर दिया। बेटी पर एक ओर रामाकांत सिन्हा की रचना ‘जाने किसने रीत बनाई, बेटी नहीं होती है पराई’ सबके अंतर्मन को छू गयी तो वहीं राम पुकार सिंह ने बेटियों पर गजल सुनाते हुए, बेटियों को युग युग की पहचान बताया और सौमि मजुमदार ने माँ को समर्पित कविता ‘माँ मुझे सहलाती हो बड़े प्यार से’ सुनाकर वात्सल्य रस बिखेर दिया।
इनके अलावा जिन विशिष्ट रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से सभी को मंत्रमुग्ध किया उनके नाम हैं – हिमाद्रि मिश्र, रीमा पांडे, चंद्रिका प्रसाद ‘अनुरागी’, डॉ. अरविन्द मिश्रा, आलोक चौधरी, पुष्पा साव, विष्णुप्रिया त्रिवेदी, दीपा ओझा, रेहान पठान, मौसमी प्रसाद, मिंकू एवं काजल शाह। अंत में जिलाध्यक्ष रामाकांत सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन कर इस अभूतपूर्व कार्यक्रम को सुसम्पन्न किया।