अमृत महोत्सव काव्य श्रृंखला’ के तहत आयोजित हुई ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ की काव्य गोष्ठी

कोलकाता । भारत की आज़ादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आयोजित की जा रही ‘स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव काव्य श्रृंखला’ के अंतर्गत ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ की दक्षिण हावड़ा जिला इकाई द्वारा, बड़ा बाज़ार लाइब्रेरी के सभागार में, संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष – डॉ. गिरिधर राय के मार्गदर्शन एवं प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. ऋषिकेश राय की अध्यक्षता में, एक अभूतपूर्व काव्य सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया, जिसका संयोजन किया विनय भूषण ने एवं संचालन किया नीलम झा ने। मुख्य अतिथि के रूप में प्रांतीय उपाध्यक्ष श्यामा सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह, जिला संरक्षक शैली कटारुका और शुचि रूंगटा ने उपस्थित होकर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए।

कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया जिसके पहले सत्र में काव्य आवृत्ति के लिए युवा छात्र – छात्राओं को पुरस्कृत किया गया एवं दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी में रचनाकारों ने देश की शान में काव्य सुमन बरसाए। कार्यक्रम का शुभारम्भ जिलाध्यक्ष हिमाद्रि मिश्रा द्वारा स्वागत भाषण एवं मधुर सरस्वती वन्दना की प्रस्तुति के साथ हुआ। ग्रुप ‘अ’ में ख़ुशी कटारुका एवं वैभव चौधरी को प्रथम स्थान, मनस्वी गुप्ता को द्वित्तीय स्थान एवं जयश्री झा को तृत्तीय स्थान एवं ग्रुप ‘ब’ में वशिष्ठ रूंगटा को प्रथम स्थान, आरव अगरवाल एवं कृष कटारुका को द्वित्तीय स्थान एवं आयुषी ठाकुर को तृतीय स्थान स्थान प्राप्त करने के लिये पुरस्कृत किया गया।

तत्पश्चात आलोक चौधरी ने ‘वन्देमातरम’ का जयघोष लगाकर काव्य पाठ का आग़ाज़ किया और रीमा पांडे ने ‘गीत मेरे खामोश न होंगे’ सुनाकर सभी का ह्रदय जीत लिया। सुषमा राय पटेल ने ‘घन गावत मल्हार’ सुनाया तो स्वागता बसु ने अपनी कविता में भारत को एक मंदिर के रूप में दर्शाया। सुदामी यादव ने ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव’ पर देश को सलामी दी तो मनोरमा झा ने ‘शतरंज की बिछी बिसात’ सुनाकर वर्तमान राजनीति की हकीक़त बयान की। रामाकांत सिन्हा ने अपनी ग़ज़ल ‘सूना सूना पड़ा मेरे मन का महल’ सुनाकर लाजवाब प्रस्तुति दी तो श्यामा सिंह ने ‘जिसे माटी समझते हो उसे हम मानते चन्दन’ सुनाकर देश की माटी की महिमा उजागर की।

वरिष्ठ कवि हीरालाल जायसवाल ने ‘बैरकपुर का वीर सिपाही’ सुनाकर शहीद मंगल पांडे को याद किया तो संयोजक विनय भूषण ने अपनी रचना के माध्यम से ‘कविता का दर्द’ सभी के सम्मुख स्पष्ट किया। कार्यक्रम अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया जब हिमाद्रि मिश्रा ने ‘शतदल डोलय अलिकुल बोलय’ सुनाकर सुरों का अमृत पूरे वातावरण में भर दिया और अंत में प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह ने लाजबाब गजल ’तिरंगा शान भारत की, तिरंगा जान भारत की’ सुनाकर सभी सुधीजनों एवं काव्य रसिकों का ह्रदय देशप्रेम से ओत प्रोत कर दिया।

इस अवसर पर प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय अपनी अस्वस्थता होने के कारण उपस्थित तो नहीं हो सके किन्तु वीडिओ कॉल के माध्यम से उन्होनें सभी काव्य प्रेमियों को अपनी शुभकामनायें एवं विजयी छात्रों को बधाई दी। अंत में हावड़ा जिला की कोषाध्यक्ष नीलम मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन कर यह अभूतपूर्व कार्यक्रम सुसम्पन्न किया।

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