गोपाल नेवार की कविता : “फौजी जवान”

फौजी जवान

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हम देश की धड़कन है
हम देश की हलचल है
हम कोई आम इंसान नहीं,
हम दुश्मनों को मिटा देने वाले
निडर देश प्रेमी फौजी जवान है।

हम देशवासियों के हमदर्द है
हम देश के रक्षा कवच है
हम त्याग और बलिदान है,
हम देश पर निछावर हो जाने वाले
वफादारी और बहदुरी की मिसाल है।

हम मित्रों के मित्र है
हम दुश्मनों के दुश्मन है
हम भूत भविष्य वर्तमान है,
हम चिंगारी से ज्वाला बन जाने वाले
चमत्कारी अद्भूत सपूत जवान है।

हमें ललकारना न कभी भूल से
हम डरते नहीं किसीके हुंकार से
हम हुंकार का जवाब देना जानते है,
इसीलिए तो देश की रक्षा की खातिर
सर पर कफन बाँधकर आए है।

हम देश को वचन देते है
हमारे बदौलत देश बनीं नहीं
हम देश के बदौलत बनें है,
कुर्बान हो जाएंगे देश के लिए
यहीं हमारी उसूल और उद्देश्य है।

हम देश की धड़कन है
हम देश की हलचल है
हम कोई आम इंसान नहीं,
हम दुश्मनों को मिटा देने वाले
निडर देश प्रेमी फौजी जवान है।

गोपाल नेवार,  गणेश सलुवा ।

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