।।अच्छे दिन कब आएँगे।।

राम लला तम्बू से बाहर, भव्य भवन में आये हैं
बाबा विश्वनाथ के दर्शन, दुनिया को करवाये हैं
सोचा था क्या हज के बदले, नेता तीर्थ करायेंगे
फिर भी पूछ रहा है पगले, अच्छे दिन कब आएँगे

टोपी जालीदार लगाकर इफ़्तारी को जाते थे
उन्हें देश के संसाधन पर पहला हक दिलवाते थे
सोचा था क्या तिलक लगाकर वो मन्दिर को जायेंगे
फिर भी पूछ रहा है पगले, अच्छे दिन कब आएँगे

एक रुपैया चलता था तो पन्द्रह पैसे आते थे
मिलकर सारे भ्रष्टाचारी जनता का हक खाते थे
सोचा था क्या नेता-मन्त्री कभी जेल को जायेंगे
फिर भी पूछ रहा है पगले, अच्छे दिन कब आएँगे

बहन बेटियों की इज्जत पर गिद्ध सदा मँडराते थे
चोर-लुटेरों से सूबे के व्यापारी थर्राते थे
सोचा था क्या तख्ती टाँगें वो ख़ुद थाने जायेंगे
फिर भी पूछ रहा है पगले, अच्छे दिन कब आएँगे

पाक हमारे पीएम को देहाती औरत कहता था
धमकी सुबहो शाम हमें परमाणु बमों की देता था
सोचा था क्या वही आज दुनिया से जूते खायेंगे
फिर भी पूछ रहा है पगले, अच्छे दिन कब आएँगे

जब देखो तब जहाँ तहाँ अक्सर बम फटते रहते थे
नेता निन्दा और डोजियर ये ही रटते रहते थे
कब सोचा था घर में घुसकर पाकी ठोंकें जायेंगे
फिर भी पूछ रहा है पगले, अच्छे दिन कब आएँगे

–डीपी सिंह

Shrestha Sharad Samman Awards

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