राजीव कुमार झा की कविता : फागुन

।।फागुन।।
राजीव कुमार झा

फागुन के मौसम का
नया उजाला
वसंत नयी यादों को
लेकर आया
हवा धूप में थिरक
रही
वसंत की धूप में
सभी दिशाएं
पिघल‌ रहीं
नयी उमंगों को
लेकर
होली करीब अब
आयी
पतझड़ में
हवा पेड़ों पर
झूम रही
कोयल की कूक
सबको देती
यहां सुनाई
खेतों खलिहानों में
उमंग छाया
प्रकृति ने चतुर्दिक
धनधान्य लुटाया
सबने उसको पाया
अरी सुंदरी
तुमने गीत सुनाया
फागुन सुनकर
आतुर होकर
सबके दरवाजे पर
आया
गगन में आज चांद
मुस्काया

राजीव कुमार झा, कवि/ समीक्षक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *