पोद्दार वर्ल्ड स्कूल, जयपुर ने किया अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का आयोजन

  • दादा-दादी और नाना-नानी के साथ बच्चों ने बिताए कुछ मनोरंजक पल

जयपुर। दादा-दादी हर बच्चे के लिए खास होते हैं। हममें से ज्यादातर लोगों ने अपने बचपन में रात के शुरुआती पहर मंे अपने दादा-दादी या नाना-नानी से दिलचस्प और मनोरंजक कहानियां जरूर सुनी होंगी। अनुभव और ज्ञान से उपजी उनकी कहानियों ने हमारी जिंदगी को गढ़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। निस्वार्थ भाव का उनका स्नेह और उनके अमूल्य ज्ञान ने जीवन में हर कदम पर हमें राह दिखाई है।

उनके इस अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए हर साल 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का आयोजन किया जाता है। जयपुर में भी पोद्दार वल्र्ड स्कूल ने इस मौके को यादगार बनाने के लिए एक समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर स्कूल में विशेष मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिनमें छात्र और उनके दादा-दादी अथवा नाना-नानी दोनों भाग ले सकते थे। कार्यक्रम का आयोजन कक्षा 1 से 5 वीं के छात्रों के लिए किया गया था।

वर्चुअल तौर पर आयोजित इस कार्यक्रम में स्कूल की प्राचार्य सुश्री सुमिता पी मिन्हास के साथ कक्षा 4 की छात्रा मिशिका गोस्वामी और कक्षा 5 के छात्र रघुराज ने सभी वृद्धजनों का स्वागत किया। चैथी कक्षा की ओजस्विता दुबे ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया, जिसमें उसने बताया कि किस तरह दादा-दादी अपने सभी बच्चों के लिए प्रेरणा, मार्गदर्शक और देवदूत की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने उनकी समझ और समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने अपने दादा-दादी से जुड़ी खूबसूरत यादें साझा कीं। कक्षा 4 से 5 तक के छात्रों ने अपने दादा-दादी के साथ जुड़े अनुभव शेयर किए और उनकी पुरानी तस्वीरों के साथ-साथ उनके बताए कुछ पुराने नुस्खे और कुछ दिलचस्प परंपराओं और संस्तियों को भी साझा किया।

इस अवसर पर चंद्रप्रभा शर्मा ने स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के बारे मंे विद्यार्थियों के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की और उन्हें इस बात के लिए प्रेरित किया कि वे अपने घर के बुजुर्गों के सुझाए गए पोषणयुक्त भोजन को ही प्राथमिकता दें और जंक फूड के इस्तेमाल से बचें।कार्यक्रम के दौरान सलाद बनाने की गतिविधि भी आयोजित की गई, जिसमें छात्रों और दादा-दादी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बच्चों ने एक वीडियो के माध्यम से अपने दादा-दादी के प्रति आभार और भावनाओं को व्यक्त किया।

दादा-दादी ने भी सभी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया और गीत प्रस्तुत किए, भजन गाए तथा अपने अनुभव साझा किए। इस तरह के महत्वपूर्ण आयोजन के लिए अधिकांश अभिभावकों ने विद्यालय की प्राचार्य सुश्री सुमिता पी. मिन्हास का आभार व्यक्त किया।

प्राचार्य सुश्री सुमिता पी. मिन्हास ने अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर बुजुर्ग अभिभावकों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि घर के बुजुर्गों से मिलने वाले अमूल्य संस्कारों के माध्यम से ही बच्चों का समुचित विकास संभव हो पाता है। उन्होंने कहा, ”बच्चों के लिए जो दादा-दादी करते हैं, वह छोटे बच्चों के लिए कोई और नहीं कर सकता।”

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