अस्थायी वनकर्मियों का स्थायीकरण संभव नहीं- वनमंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक

अलीपुरदुआर । जलदापाड़ा में आंदोलन कर रहे अस्थायी वनकर्मियों को स्थायी नहीं किया जा सकता। इनमें से किसी को भी बाहर नहीं किया जाएगा, लेकिन स्थायी करना संभव नहीं है, वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने बुधवार को राजाभातखवा आने पर यह स्पष्ट कह दिया। आज दोपहर वन मंत्री ने राजाभातखावा एनआईसी में प्रशासनिक अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक के अंत में वन मंत्री ने कहा कि जलदापाड़ा में धरना दे रहे अस्थाई वन कर्मियों को स्थायी करना संभव नहीं है। लेकिन हम किसी को नहीं हटायेंगे। इस दिन उन्होंने यह भी कहा कि हम बक्सा की समस्या को लेकर ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट जाएंगे, क्योंकि यहां जो आदिवासी लोग हैं, जो छोटी-छोटी दुकानें चलाकर व गाइड का काम कर रहे हैं, वे कहां जाएंगे। इसलिए हम ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं।

बक्सा में बाघ के संबंध में वन मंत्री ने कहा कि बाघ को बक्सा में लाने से पहले बक्सा के कोर जंगल में स्थित पंद्रह वन बस्तियों को स्थानांतरित करना होगा.पहले से ही दो वन बस्तियों पर सहमति बन चुकी है और पांच और वन बस्तियों के साथ बातचीत चल रही है. लेकिन उन्हें देरी हो रही है क्योंकि केंद्र उनके पैकेज का भुगतान नहीं कर रहा है।

कूचबिहार पतलाखावा के रसमती जंगल में गैंडों के लिए बनने जा रहा है दूसरा आवास

कूचबिहार । पतलाखावा के रसमती जंगल में गैंडों के लिए दूसरा आवास बनाने जा रहा है वन विभाग। पहले चरण में 2 गैंडों को रसमती वन में लाया जा रहा है। राज्य की वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने रसमती वन का दौरा करने और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह बात कही। पूर्व में वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन के कार्यकाल में पहली बार यह पहल की गई थी। लेकिन कई पेचीदगियों के चलते यह प्रोजेक्ट बीच में ही रुक गया। आखिरकार वन विभाग को केंद्र सरकार और राज्य सरकार की मंजूरी मिल गई है।

जल्द ही जलदापाड़ा और गरुमारा से आठ गैंडों को लाकर रसोमती वन में छोड़ दिया जाएगा। वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि पहले चरण में 2 गैंडों को छोड़ा जाएगा, बाद में और गैंडों को चरणबद्ध तरीके से छोड़ा जाएगा। इस रसमती वन के चारों ओर जलदापाड़ गरुमारा जैसा सुन्दर पर्यटन केन्द्र बनाया जायेगा। टूरिस्ट बांग्लो बनाये जायेंगे। यह टूरिस्ट बंगलो पर्यटन विभाग और वन विभाग द्वारा बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस जंगल से गैंडों के अलावा हिरण, चीता और बाघ को भी लाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *