
कोलकाता, (Kolkata) : रामनवमी पर श्रीराम की पूजा दरअसल दुर्गा पूजा, क्रिसमस या ईद की तरह एक सर्वधर्म समभाव का त्योहार है- ऐसा मानते हैं विभिन्न धर्मों के लोग। इसी भावना से प्रेरित होकर हावड़ा के बाउड़िया पूर्व बुरीखाली शिव-काली मंदिर प्रांगण में श्रीराम की पूजा का आयोजन किया गया।
उलुबेरिया नगरपालिका के वार्ड नंबर 6 के निवासियों की पहल और पार्षद डेविड राव के सहयोग से आयोजित इस रामनवमी उत्सव में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई समेत इलाके के सभी धर्मों के लोग बढ़-चढ़ कर शामिल हुए।
पूजा की सभी विधियां निभाते हुए उन्होंने श्रीराम की पूजा और पुष्पांजलि में हिस्सा लिया।
पार्षद डेविड राव ने कहा, “श्रीराम एक राजा हैं। वे शौर्य, वीरता और शक्ति के प्रतीक हैं। इसलिए राम की पूजा का मतलब है रामराजा की पूजा। इसीलिए हम इस वर्ष रामनवमी से श्रीराम की पूजा को लेकर जाति, धर्म और वर्ग की सीमाओं से ऊपर उठकर यह उत्सव मना रहे हैं।”
समाजसेवी बेनु सेन, स्थानीय चर्च के फादर अनिल आदक, अल्पसंख्यक नेता हुसैन काज़ी, समाजसेवी अतिबुर काज़ी, मिज़ानुर रहमान, स्वप्न शील सहित विभिन्न धर्मों के लोग और इलाके के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सुमन सांपुई एवं
अन्य युवकों ने बताया कि एक ईसाई होते हुए भी डेविड राव ने जिस प्रकार रामराजा की पूजा का आयोजन किया है, उससे वे बेहद प्रसन्न हैं। पहले उन्हें रामराजातला तक जाना पड़ता था, लेकिन अब से हर साल उनके वार्ड में ही रामराजा की पूजा होगी।
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