कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को एक बार फिर जमानत नहीं मिली। उन्हें और 14 दिनों तक प्रेसिडेंसी सेंट्रल जेल में ही रहना होगा। घोष को मामले के अन्य आरोपियों के साथ गुरुवार को अलीपुर की विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया था। यहां उनके अधिवक्ता ने उनकी जमानत की याचिका लगाई थी लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर स्पष्ट कर दिया कि उन्हें फिलहाल जमानत नहीं मिलेगी।

16 फरवरी तक जेल में रहना होगा। पार्थ के साथ इस मामले के छह अन्य आरोपित अर्पिता मुखर्जी, माणिक भट्टाचार्य, प्रसन्न रॉय, प्रदीप सिंह, शांति प्रसाद सिन्हा और अन्य को भी 16 फरवरी तक जेल में ही रहना होगा। पिछले आठ महीने से पार्थ चटर्जी जेल में हैं। सीबीआई के अधिवक्ता ने आज कोर्ट में बताया कि पार्थ चटर्जी के खिलाफ लगातार जांच में नए तथ्य मिल रहे हैं।

जो भी गिरफ्तार हो रहा है उसका संबंध सीधे पार्थ चटर्जी से रह रहा है और रुपये के लेनदेन की जानकारी मिल रही है। इसलिए जांच फिलहाल सही दिशा में है और उन्हें हिरासत में ही रखने की जरूरत है। हालांकि न्यायाधीश ने सीबीआई की जांच की गति को लेकर सवाल खड़ा किया जिस पर सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि जल्द ही केंद्रीय एजेंसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी।

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