जीवविज्ञान की चुनौती, अवसर और अनुप्रयोग विषय पर राष्‍ट्रीय शोध संगोष्‍ठी का आयोजन

ई.एस.डब्‍ल्‍यू सोसायटी ने उत्‍कृष्‍ट कार्य को किया सम्‍मानित

मध्य प्रदेश : प्रो. कपिल देव मिश्र कुलपति रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय जबलपुर को “आत्‍मनिर्भर भारत अनुभव पुरस्‍कार’’ डॉ. अखिलेश पांडे कुलपति विक्रम विश्‍वविद्यालय उज्‍जैन को “नयी शिक्षा नीति में उत्‍कृष्‍ट पुरस्‍कार” डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्‍वविद्यालय ऑफ सोसल साइंस महू को “कोरोना जागरूकता उत्‍कृष्‍ट राष्‍ट्रीय सम्‍मान” प्रोफेसर लीना लखानी शासकीय कन्‍या महाविद्यालय उज्‍जैन को “लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड’’ डॉ. मनीषा सक्‍सेना सह. प्राध्‍यापक स्‍कूल ऑफ ऐजुकेशन एण्‍ड स्किल डेवलपमेंट महू विश्‍वविद्यालय को “शिक्षा कोशल विकास सम्‍मान” तथा विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर के प्राचार्य डॉ. ए.एल. महोबिया को “रिकॉगनिशन अवॉर्ड” से सम्‍मानित किया गया।

द्वि सहस्‍त्राब्‍दी वर्ष से संचालित एवं जन अभियान परिषद म.प्र. शासन तथा नीति आयोग से संबद्ध एन्‍वायरमेंट एण्‍ड सोशल वेलफेयर सोसायटी खजुराहो तथा जूलॉजी एण्‍ड बायोटेक्‍नॉलोजी विभाग शासकीय विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर के संयुक्‍त तत्‍वाधान में दो दिवसीय राष्‍ट्रीय शोध संगोष्‍ठी का आयोजन ऑनलाइन जीवविज्ञान की चुनौती, अवसर और अनुप्रयोग विषय पर आयोजित की गयी। कॉफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में मुख्‍य अतिथि प्रो. कपिल देव मिश्र कुलपति, रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय ने कहा कि विज्ञान वह है जो सर्वेभवन्‍तु सुखिन: की अवधारणा को साकार करे, बेरोजगारी दूर करने में सहायक हो, प्रदूषण मुक्‍त वातावरण एवं समाज को खुशहाल बनाये।

विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए.एल महोबिया ने कहा कि इस तरह के आयोजन आज की आवश्‍यकता है, शोध को आगे ले जाने में सहायक होते है। विशिष्‍ट अतिथि प्रोफेसर. अमर पझारे, सो‍मैय कॉलेज एवं हास्पिटल मुंबई महाराष्‍ट्र से जिन्‍होंने रिसर्च एण्‍ड एडवांसेस ऑफ कोरोना इन्‍फेक्‍शन पर व्‍याखयान दिया। विशिष्‍ट अतिथि एवं वक्‍ता डॉ. दीपाली जाट सहा. प्राध्‍यापक, प्राणीशास्‍त्र डॉ. हरीसिंह गौर विश्‍वविद्यालय, सागर ने जैविक विज्ञान के लिये एक एकीकृत द्रष्टिकोण था जिसमें न्‍यूरोसाइंस की उपयोगिता बतलाई। डॉ. सुनीता शर्मा विभागाध्‍यक्ष प्राणीशास्‍त्र एवं जैव तकनीकि द्वारा कॉंफ्रेंस की रूपरेखा एवं प्रस्‍तावना प्रस्‍तुत की।

कॉफ्रेंस के तकनीकि सत्र में विषय विषेशकों द्वारा 17 रिसर्च पेपर विषय वाइल्‍ड लाइफ, बायोडायवर्सिटी, औषधीय पौधे, साइटोटॉक्सिसिटी, इकोसिसटम, रसायनों का दुष्‍प्रभाव पर प्रस्‍तुत किये गये। पेपर्स का प्रेजेंटेशन म.प्र. नागालैण्‍ड, महाराष्‍ट्र, उत्‍तर प्रदेश, जम्‍मु कश्‍मीर, उड़ीसा, मैसूर के प्रतिभागियों द्वारा किये गये। कॉंफ्रेंस हेतु 150 प्र‍तिभागियों ने अपना रजिस्‍ट्रेशन करवाया। कॉंफ्रेंस गूगल मीट पर की गयी जिसका लाइव प्रसारण यू-ट्यूब अश्‍वनीखजुराहो पर किया गया।

कॉंफ्रेंस के टेक्‍नीकल सत्र में मुख्‍य वक्‍ता डॉ. रंजना आर्या, प्रोफेसर बायो टेक्‍नॉलाजी जे.एन.यू. नई दिल्‍ली ने चैलेंजस इन द रिसर्च फॉर टेक्‍नोलॉजी नाना जी देशमुख पशु चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय, जबलपुर ने एपलीकेशन ऑफ स्‍टैम सेल डॉ. निपुण सिलावट वरिष्‍ट वैज्ञानिक ने मध्‍यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल द्वारा विद्यार्थियों शोधार्थियों एवं शोध के लिये दी जाने वाली सहायता एवं विभिन्‍न योजनाओं के बारे में बताया। टेक्‍नीकल पेपर प्रेजेंटेशन में शोधार्थियों द्वारा अपने शोध पत्र की प्रस्‍तुति दी गयी।

दो दिवसीय कॉफ्रेंस के समापन सत्र में मुख्‍य अतिथि प्रो. अखिलेश कुमार पांडे, कुलपति विक्रम विश्‍वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में कहा कि लाइफ का स्‍कोप हमेशा रहेगा। कोविड 19 से हमारी युवा पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिला है। बायो पॉलीथिन कैसे विकसित करें, विज्ञान सम्‍मत खेती द्वारा किसान की आय को कैसे दोगुना कर सकते है। बहुत सी बीमारियॉं रसायनिक खाद्य के द्वारा होती है अत: ऑर्गेनिक फॉमिंग करने पर जोर दिया जाए। कार्यक्रम के अध्‍यक्ष प्रो. कपिल देव मिश्र ने का कि विद्यार्थी चुनौती को अवसर में बदलने का तरीका सीखे। प्राचार्य डॉ. ए.एल. महोबिया ने कार्यशाला की सफलता के लिये बधाई दी एवं कहा कि इस प्रकार के आयोजन भविष्‍य में भी होते रहना चाहिए।

कॉफ्रेंस में एनवायरमेंट एण्‍ड सोशल वेलफेयर सोसायटी, खजुराहो द्वारा प्रो. कपिल देव मिश्र कुलपति रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय जबलपुर को “आत्‍मनिर्भर भारत अनुभव पुरस्‍कार’’ डॉ. अखिलेश पांडे कुलपति विक्रम विश्‍वविद्यालय उज्‍जैन को “नयी शिक्षा नीति में उत्‍कृष्‍ट पुरस्‍कार” डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्‍वविद्यालय ऑफ सोसल साइंस महू को “कोरोना जागरूकता उत्‍कृष्‍ट राष्‍ट्रीय सम्‍मान” प्रोफेसर लीना लखानी शासकीय कन्‍या महाविद्यालय उज्‍जैन को “लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड’’ डॉ. मनीषा सक्‍सेना सह. प्राध्‍यापक स्‍कूल ऑफ ऐजुकेशन एण्‍ड स्किल डेवलपमेंट महू विश्‍वविद्यालय को “शिक्षा कोशल विकास सम्‍मान” तथा विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर के प्राचार्य डॉ. ए.एल. महोबिया को “रिकॉगनिशन अवॉर्ड” से सम्‍मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. अश्‍वनी कुमार दुबे, अध्‍यक्ष ई. एस. डब्‍ल्‍यू सोसाइटी द्वारा किया गया। कॉफ्रेंस की रिपोर्ट डॉ. वर्षा अगलावे ने प्रस्‍तुत की एवं धन्‍यवाद विभागाध्‍यक्ष डॉ. सुनीता शर्मा ने किया। डॉ. जयश्री शर्मा, डॉ. अंकिता बोहरे, डॉ. नीलिमा पैंकरा, विनीता रतौनिया, रूपाली जैन, अनूप कुशवाहा ने संपूर्ण कार्यशाला की तैयारी की एवं विद्यार्थी रोहन पंजवानी, श्रुति जैन का तकनीकि सहयोग रहा एवं रिपोर्ट तैयार करने में पलक नेब, पर्णदी आर्या का सहयोग रहा। कॉंफ्रेंस में ई.एस.डब्‍ल्‍यू के पदाधिकारी एवं सदस्‍य तथा विज्ञान महाविद्यालय के प्राध्‍यापक एवं देश के विभिन्‍न भागों से प्रतिभागी शोधार्थी उपस्थित रहे।

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