
अशोक वर्मा हमदर्द, कोलकाता। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में हमारे निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने समूचे भारत को झकझोर कर रख दिया था। यह हमला न केवल हमारे सुरक्षा बलों हम भारतीयों को चुनौती देने वाला था, बल्कि यह हमारे सामूहिक आत्मबल, धैर्य और विश्वास की भी परीक्षा थी। किंतु जिस प्रकार भारत की सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व ने इस चुनौती का उत्तर दिया, वह केवल एक जवाब नहीं, बल्कि आने वाले युग का उद्घोष बन गया।
भारत ने जिस तेज़ी, कुशल रणनीति और अदम्य साहस से आतंक के ठिकानों को नेस्तनाबूत किया, उसने यह सिद्ध कर दिया कि यह अब 1962 या 1993 का भारत नहीं, यह नव भारत है – सशक्त, सजग और निर्णायक और इस नवभारत की पहचान हैं हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और हमारी सेनओं के वे समर्पित अधिकारी और जवान, जिन्होंने देश की अस्मिता पर कोई आँच नहीं आने दी।
आज हमारे जनता का विश्वास जोश से भरा है और वो राष्ट्र के साथ खड़ा है। जब पहलगांव हमले की खबर सामने आई, पूरा देश रो पड़ा। लेकिन इस बार जनता में क्रोध के साथ एक अटूट विश्वास भी था – विश्वास इस बात का कि हमारी सरकार चुप नहीं बैठेगी, हमारे सैनिक पलट कर वार करेंगे और दुश्मनों को उनके घर में घुसकर सबक सिखाएंगे।
देश के कोने-कोने से एक ही आवाज उठ रही थी- “मोदी हैं, तो मुमकिन है” और यह मुमकिन कर दिखाया गया। इस विश्वास की नींव केवल भाषणों या चुनावी नारों पर नहीं, बल्कि बीते वर्षों की निर्णायक कार्रवाईयों पर आधारित थी – उरी का बदला सर्जिकल स्ट्राइक से, पुलवामा का उत्तर बालाकोट एयर स्ट्राइक से और अब पहलगांव का जवाब एक बार फिर आतंक के आकाओं को निशाना बनाकर।
सेना की सूझ-बूझ वाली रणनीति और उनके साहस का अद्भुत संगम देखने को मिला है। भारत की सैन्य कार्यवाही में केवल बल का नहीं, बल्कि रणनीति, संयम और अनुभव का अनूठा मेल देखने को मिला। हमारी खुफिया एजेंसियों की सतर्कता, सेना की त्वरित कार्रवाई और एयरफोर्स की सजगता ने यह सुनिश्चित किया कि आतंकियों को ना केवल मार गिराया जाए, बल्कि उनकी गतिविधियों की जड़ तक पहुँचा जाए।
इस पूरी कार्यवाही में सबसे विशेष बात रही – जनहानि की शून्यता और सटीक लक्ष्य भेदन। यह उस सैनिक अनुशासन और परिपक्व नेतृत्व का प्रमाण है, जो वर्षों की कठिन ट्रेनिंग और नेतृत्व के अनुभव से उपजा है।
भारत की बदलती छवि पूरी दुनिया देख रही है, शक्ति और शांति का संतुलन जिस प्रकार बनाकर प्रस्तुत किया गया है सराहनीय है। दुनिया ने देखा कि भारत अब सहने वाला नहीं, समझाने के साथ-साथ दंड देने की भी क्षमता रखता है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की यह छवि – एक शांतिप्रिय किंतु सामर्थ्यवान राष्ट्र की – आज पहले से कहीं अधिक स्पष्ट और दृढ़ है।
जहाँ एक ओर भारत ने सैन्य जवाब देकर आतंक के खिलाफ अपना सख्त रुख जाहिर किया, वहीं दूसरी ओर कूटनीतिक स्तर पर भी यह संदेश दे दिया कि आतंक को समर्थन देने वाले देशों को अब जवाब भुगतना होगा। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे प्रमुख देशों ने भारत के इस साहसी कदम का समर्थन किया और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि अब आतंक का समर्थन वैश्विक स्तर पर अस्वीकार्य है।
भारत की जनता आज सरकार और सेना को सलाम कर रही है। हर भारतवासी के दिल से निकली भावना का कद्र सरकार और सेना ने की है। सुहागन के सिंदूर की लाज रखी है।भारत की इस विजयगाथा ने हर नागरिक के हृदय में गर्व और श्रद्धा का भाव भर दिया। गाँवों से लेकर शहरों तक, हर गली-मोहल्ले में एक ही चर्चा थी – “सेना को सलाम, सरकार को सलाम!” सोशल मीडिया पर सैनिकों के समर्थन में लहर चली, स्कूलों में बच्चों ने देशभक्ति गीत गाए और मंदिरों-मस्जिदों-गुरुद्वारों में वीर जवानों की सलामती की दुआएं माँगी गई।
इस एकता और उत्साह ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत की आत्मा अभी जीवित है और जब बात देश की रक्षा की आती है, तो सवा सौ करोड़ भारतवासी एक स्वर में खड़े हो जाते हैं। नव भारत आज एक इतिहास रचने को तैयार है जो हर चुनौती को अवसर में बदलना जानता है।
आज का भारत केवल सीमाओं पर नहीं, हर मोर्चे पर लड़ रहा है – चाहे वह आंतरिक सुरक्षा हो, अर्थव्यवस्था हो, विज्ञान हो या कूटनीति। लेकिन पहलगांव जैसे हमले यह स्मरण कराते हैं कि हमें सतर्क रहना होगा, संगठित रहना होगा और हमेशा तैयार रहना होगा।
नव भारत की यह विशेषता है कि वह आँसू भी बहाता है, परंतु हथियार भी उठाता है। वह सहृदय भी है और साहसी भी। वह ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ में विश्वास करता है, परंतु जब बात राष्ट्र की रक्षा की हो, तो वह ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ के स्वर में गूंजता है।
अब हम भारतीयों की ज़िम्मेदारी बनती है कि सैनिकों के साथ एकता की दीवार बनें और भारत को एक सशक्त भारत बनाने में सहायता करें।
यह विजय केवल सीमा पर लड़ने वाले जवानों की नहीं है, यह देश के हर नागरिक की है और यह समय है जब हम सभी एकजुट होकर यह संकल्प लें कि-
हम देश की एकता और अखंडता के लिए सदैव समर्पित रहेंगे।
सैनिकों के मनोबल को किसी भी हाल में गिरने नहीं देंगे।
देश विरोधी ताकतों के खिलाफ आवाज़ बुलंद करेंगे।
अपने आस-पास जागरूकता फैलाकर एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करेंगे।
क्योंकि केवल सैनिकों का लड़ना ही काफी नहीं, जनता का साथ ही असली शक्ति है।
भारत का भविष्य उज्ज्वल है और हम सब उसके रक्षक हैं।
पहलगाम हमले का जवाब केवल एक कार्रवाई नहीं था, वह एक संदेश था- देश के दुश्मनों को और दुनिया को भी। यह संदेश था कि भारत अब नया भारत है। ऐसा भारत, जो अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर सीमा पार करने को तैयार है। ऐसा भारत, जो केवल इतिहास नहीं, भविष्य भी रचता है।
आज का भारत केवल IT हब नहीं, सैनिक शक्ति का प्रतीक भी है। वह केवल आर्थिक महाशक्ति नहीं, आत्मबल और अनुशासन का आदर्श भी है।
यह नव भारत है – जहाँ सेना का जवान और किसान एक ही सम्मान के पात्र हैं। जहाँ नेता केवल सत्ता का नहीं, उत्तरदायित्व का प्रतीक है। जहाँ हर नागरिक प्रहरी है और हर दिल देशभक्त।
भारत माता की जय

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।