
भारतीय सेना की तैयारी देखकर पाक के होश उड़े- पाक सूचना मंत्री ने भारतीय हमले की 36 घंटे की डेड लाइन दी
भारत की धड़ाधड़ रक्षा तैयारी, मीटिंग्स, एलओसी रेकिंग से डरा पाक, बचाव में जुटा- 36 घंटे में हमले की उम्मीद का बयान आया – अधिवक्ता के. एस. भावनानी
अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर पूरी दुनिया देख रही है कि पहले से ही दो युद्धों ने पूरी दुनिया को डिस्टर्ब कर दिया है और अब तीसरी जंग शुरू होने के मुहाने पर खड़ी है, जैसे उन दोनों युद्धों में दुनिया बटी हुई नजर आ रही है, तो इस होने वाली नई जंग में भी संभवतः कुछ देश बटे होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि इस तीसरी जंग को ऑपरेशन बदला? का नाम दिया जा सकता है, अनेक विकसित देशों ने खुलकर समर्थन किया है और यहां तक कि चीन ने भी आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने की बात कही है। सभी पाठक जानते होंगे कि यह जंग भारत-पाकिस्तान की है जो 36 घंटे में कभी भी शुरू होने हो सकती है! जिसका अंदेशा पाक सूचना व प्रसारण मंत्री ने लगाया है। यह युद्ध आतंकवाद के खिलाफ एक रोल मॉडल होगा, जो घर में घुसकर आतंकवादियों के अड्डे नेस्तनाबूत करने का लक्ष्य हो सकता है, जिसकी तैयारी करीब-करीब पूर्ण हो चुकी है।
पीएम की सभी मीटिंग्स में तीनों अंगों की सेनाओं के अध्यक्ष, विदेश मंत्री रक्षामंत्री से बैठक हो चुकी है। सेना को फ्री हैंड का आदेश दिया जा चुका है। बता दें यह सब पहलगाम हमले का जवाब देने की रणनीति के अंतर्गत है, जिसकी अनेक देशों ने निंदा की थी व आतंकवाद के खिलाफ भारत को साथ देने की बात कही थी, चुकी भारत की धड़ाधड़ रक्षा तैयारी, मीटिंग्स, एलओसी से डरा पाकिस्तान, बचाव में जुटा, 36 घंटे में हमले या सर्जिकल स्ट्राइक की संभावना है! भारतीय सेना और रक्षा विभाग की तैयारीयों को देखकर पाकिस्तान के होश उड़े, सूचना प्रसारण मंत्री ने भारतीय हमले की 36 घंटे की डेडलाइन निर्धारित की है ऐसी जानकारी मीडिया से आ रही है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, ऑपरेशन बदला? पाक में दहशत, मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस@ मिडनाइट भारत तैयार बनाम पाक में हाहाकार।
साथियों बात अगर हम ऑपरेशन बदला? की करें तो बहुत ही भयानक कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं! भारत पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए सैद्धांतिक तौर पर तैयार हो चुका है। जिस तरह से मंगलवार को पीएम ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों और चीफ और डिफेंस स्टाफ के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में बैठक की है और उन्हें इस मामले में हर तरह की कार्रवाई की खुली छूट दी है, उससे अब यह सिर्फ समय की बात रह गई है कि एक्शन कब शुरू होता है। खासकर राजनीतिक नजरिए से देखें तो आरएसएस के प्रमुख का पीएम से मिलने के लिए उनके आवास पर जाना भी बहुत अप्रत्याशित है। इससे यह भी संदेश मिल रहा है कि जो भी एक्शन होगा, उसका प्रभाव बहुत ही तगड़ा होने जा रहा है और उसी लाइन के मुताबिक रहने वाला है, जिसका संकेत खुद पीएम दे चुके हैं।
पहले वाले टारगेट को ध्वस्त करने वाला ऑपरेशन कुछ उसी तरह से करना होगा, जिस तरह से अमेरिका ने पाकिस्तान में छिपे अल-कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को मौत की नींद सुलाने के लिए किया था। भारत इस तरह के टारगेट को साधने के लिए सतह से लेकर नियंत्रण रेखा के काफी अंदर घुसकर पीओके और यहां तक कि पाकिस्तान में भी वार कर सकता है। जहां तक कमांडो ऑपरेशन की बात है तो यह लॉन्च पैड को मिटाने के लिए किए जा सकते हैं। इस तरह के सर्जिकल स्ट्राइक में हमारे जवान पहले काफी सफल रहे हैं। वहीं पाकिस्तान या पीओके के ज्यादा भीतर वाले आतंकी ठिकानों या उनके आकाओं को मारने के लिए लंबी-दूरी की मिसाइल से लेकर हवाई हमले तक का विकल्प हो सकता है।
लेकिन, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उरी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा के बाद पाकिस्तान के करीब 80 किलोमीटर अंदर हुई एयर स्ट्राइक के बावजूद कुछ वर्षों में आतंकी संगठनों ने बहुत बड़ी हिमाकत करके दिखाया है। इसलिए हो सकता है कि हमारी सेना सभी तरह के विकल्पों का इस्तेमाल एक साथ कर दे, ताकि आतंकियों और उनके आकाओं को किसी बिल में छिपने का भी मौका न मिले। क्योंकि, भारत ने जो संकल्प लिया है, उसे दुनिया भर के ज्यादातर देशों का समर्थन हासिल है। पाक को भी मालूम है कि इस बार वह आतंकियों और उनके सरगनाओं को बचा नहीं सकता। इसलिए भारतीय हमले की बात खुद वहां की सरकार के लोग मान रहे हैं। हमला होकर रहेगा और हमें सिर्फ इंतजार इस बात का करना है कि यह कितना भयानक होता है?
साथियों बात अगर हम उच्च स्तर पर लगातार चली बैठकों में तथा पाक सूचना प्रसारण मंत्री के 24-36 घंटों में हमले को चार मुख्य बिंदुओं में समझने की करें तो, जिस तरह की तस्वीरें पीएम की मीटिंग की आई है जिसमें सेना और खुफिया विभाग के अफसरों के साथ महत्वपूर्ण मंत्रालयों के मंत्री भी बैठे हैं लोगों के बीच उत्सुकता बढ़ गई है। दूसरे दिन पीएम राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीपीए और कैबिनेट की सुरक्षा समिति यानी सीसीएस की बैठक भी की, उससे पाक के सूचना मंत्री ने दावा किया है कि पक्की खुफिया जानकारी है कि अगले 24 से 36 घंटे में भारतीय सेना का अटैक होने वाला है। जो भी हो इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि पहलगाम के कातिलों का काउंट डाउन शुरू हो चुका है।
(1) पाक लंबे समय से अपनी परमाणु क्षमता को भारत के खिलाफ एक रणनीतिक हथियार के रूप में प्रस्तुत करता रहा है, पहलगाम अटैक के बाद पाकिस्तानी नेता बार-बार कह रहे हैं कि उनका अस्तित्व खतरे में पड़ा तो वह परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकते हैं। यह न्यूक्लियर गुब्बारा पाक की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह भारत को सैन्य कार्रवाई से रोकने के लिए परमाणु युद्ध की धमकी देता है। पर भारत ने जिस तरह अपनी सेना को फ्री हैंड दिया है उसका साफ मतलब है कि पाक परमाणु युद्ध की धमकी का भारत पर कोई असर नहीं है। पाक के रक्षा मंत्री ने रॉयटर्स को बताया कि यदि भारत ने सैन्य हस्तक्षेप किया तो पाक सभी विकल्प खुले रखेगा, जिसमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं। लेकिन भारत की सैन्य ताकत, कूटनीतिक रुख, और अतीत की कारवाइयों – जैसे 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हवाई हमले- ने पाकिस्तान की इस धमकी को कमजोर किया था। भारत ने इस बार भी स्पष्ट कर दिया है कि वह परमाणु युद्ध की धमकी से डरने वाला नहीं है, और उसकी करवाई नियंत्रित, लक्षित, और प्रभावी होंगी।
(2) पीएम की सेना को फ्री हैंड देने की घोषणा का मतलब है कि अब भारतीय सेना आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगी। यह स्वायत्तता तकनीकी और सामरिक स्तर पर है, जिसमें सेना को यह तय करने की आजादी है कि कब, कहां, और कैसे कार्रवाई करनी है। यह नीति पहलगाम हमले के जवाब में आई, जिसे भारत ने पाक – आधारित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ा है। फ्री हैंड का अर्थ यह नहीं है कि सेना पाक की तरह अपनी मनमानी करेगी। भारत में लोकप्रिय राजनीतिक नेतृत्व है, इसलिए सेना हमेशा उसके मार्गदर्शन में ही काम करती है। फ्री हैंड का मतलब सिर्फ इतना होता है कि सेना को त्वरित और प्रभावी जवाब देने के लिए नौकरशाही से मुक्त करना है। भारतीय सेना को फ्री हैंड देने के और भी कई मतलब हैं, जैसे भारतीय सेना पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक या हवाई हमले कर सकती है। भारतीय सेना पाक में स्थित आतंकी बेस कैंपों पर आक्रमण कर सकती है। यह भी हो सकता है कि सेना पाक के कुछ हिस्सों का नेवल ब्लॉकेज भी कर दे।
(3) पाक की चिंताएं और नींद उड़ने के सबूत : भारतीय सेना को फ्री हैंड दिए जाने के बाद किस तरह पाक के होश उड़े हुए हैं यह हम उनके रिएक्शन में देख सकते हैं। पाक में इस घोषणा के बाद घबराहट के कई संकेत दिखे हैं, जो यह दर्शाते हैं कि उसका न्यूक्लियर गुब्बारा कमजोर पड़ रहा है। पाक ने तुरंत अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ा दिया है। एक्स पर पाक सूचना मंत्री ने दावा किया कि भारत 24-36 घंटे के भीतर हमला कर सकता है। पाक सेना ने एलओसी पर सतर्कता बढ़ाई और 28-29 अप्रैल की रात को कुपवाड़ा बारामूला, और अखनूर सेक्टर में गोलीबारी की, जिसका भारत ने जवाब दिया, पाक ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों से हस्तक्षेप की अपील की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दावा किया कि पाक अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार है, लेकिन साथ ही शांति की वकालत की, यह दोहरा रुख उसकी घबड़ाहट का ही नतीजा है।
(4) उसकी परमाणु धमकी की विश्वसनीयता कई कारणों से कमजोर है, पहली बात पाक परमाणु हमला करके दुनिया भर की आर्थिक नाकेबंदी झेलने की स्थिति में नहीं है। पहले से उसकी जनता रोटी के लिए तरस रही है, अगर पाक ऐसी हरकत करता है तो भारत उसको तबाह कर सकता है। पाक के पास 170 परमाणु हथियार हैं, जो भारत के 172 से थोड़े कम हैं, पर भारत के पास परमाणु हथियारों को ढोने और वॉ़र करने की टेक्नॉलजी पाक से मीलों आगे है। इसका कारण यह है कि भारत की आर्थिक और सैन्य संतुलन, भारत का सैन्य बजट (78.7 बिलियन डॉलर) पाक (7.6 बिलियन डॉलर) से 10 गुना अधिक है पाक आतंकवाद के समर्थन के कारण पहले से ही एफएटीएफ जैसे संगठनों के दबाव में है, भारत की सैन्य कार्रवाई और सबूत उसके अलगाव को बढ़ा सकते हैं।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि, ऑपरेशन बदला? पाक में दहशत- मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस @ मिडनाइट- भारत तैयार बनाम पाक में हाहाकार। भारतीय सेना की तैयारी देखकर पाक के होश उड़े- पाक सूचना मंत्री ने भारतीय हमले की 36 घंटे की डेड लाइन दी, भारत की धड़ाधड़ रक्षा तैयारी, मीटिंग्स, एलओसी रेकिंग से डरा पाक, बचाव में जुटा- 36 घंटे में हमले की उम्मीद का बयान आया।
(स्पष्टीकरण : उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। यह जरूरी नहीं है कि कोलकाता हिंदी न्यूज डॉट कॉम इससे सहमत हो। इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है।)
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