होली के उपलक्ष्य में ऑनलाइन कवि सम्मेलन सम्पन्न

वाराणसी । अनंत आकाश हिंदी साहित्य संसद राष्ट्रीय मंच, वाराणसी के तत्वावधान में होली के उपलक्ष्य में ऑनलाइन कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ। कवि सम्मेलन में कुल 30 कवि/कवयित्रियों ने भाग लिया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता बरेली के मशहूर शायर विनय सागर जायसवाल ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नोयडा के प्रतिष्ठित साहित्यकार, काव्य मर्मज्ञ सोमदत्त शर्मा थे। मंच संचालन रीमा पाण्डेय कलकत्ता ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंच की अध्यक्ष डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’शोहरत ने माँ सरस्वती के चित्र सामने दीप प्रज्वलित करके किया। तत्पश्चात माता की वंदना हुई। उसके बाद स्वागत संभाषण डा. राम प्रकाश ‘पथिक’ ने किया। प्रथम रचना दीक्षा चौबे की ‘मस्ती में निकले हुरियारे, सजकर आए टोली में।’

डॉ. सुनीता सिंह ‘सुधा’ शोहरत ने कहा ‘फागुन मादक मास में नित्य बजे रव देह। विनय सागर जायसवाल ‘बरस रहा है पिचकारी से लाल गुलाबी रंग, रंग बिरंगी बौछारों से पुलक उठा हर अंग। डॉ. राम प्रकाश ‘पथिक’ किससे खेलूँ होली बहना पिया न लोटे घर को। तलविंदर कुमार तनहा ने कहा ‘मोहब्बत से रंग भरा संसार है होली।रीमा पाण्डेय ने कहा राधा ने होली में एक कमाल कर दिया कान्हा को अपने रंग में रंग दिया। रविपाल खामोश ने रंग गुलाल उड़े और तन मन गाते होली में।रवि रश्मि अनुभूति ने लो दिन फागुन के अब आए देखो सब धूम मचाए। डॉ. वीरेंद्र प्रताप रंग अबीर गुलाल गाल पर डाल रही डोरे तरुणाई।

नरेन्द्र वैष्णव होली के रंगों में डूबी आज अवनी। ओम आलोक होली पावन पर्व है खेलो हँसकर। पुष्पेन्द्र अस्थाना रंगों का त्योहार आ गया। डॉ. त्रिवेणी मनीष होली मानव के मानस को धवल बनाती। अंजनी कुमार सुधाकर, कमल किशोर कमल, रवि पाल खामोश, अमरनाथ सोनी, नरेंद्र वैष्णव शक्ति, रवि रश्मि अनुभूति, वीरेंद्र प्रताप भ्रमर, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, सुरेश कुमार यादव, श्रीकृष्ण निर्मल, केवरा यदू मीरा, जुगेश चंद्र दास, आशा भारद्वाज, कुमार निर्दोष, ललिता शर्मा, रमेश शर्मा, सरोज साव, त्रिवेणी प्रसाद दूबे, मीना भट्ट, दूजराम साहू आदि कवियों ने भी अपनी रचना से मंच को होली के रंगों में सराबोर कर दिया। कवि सम्मेलन का समापन कार्यक्रम अध्यक्ष विनय सागर जायसवाल के अध्यक्षीय वक्तव्य से हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *