वीरभूम। भारतीय खाद्य निगम, मंडल कार्यालय बीरभूम के मंडल प्रबंधक पी. वनलालपाक के. गंगटे महोदय के अनुमोदन से कार्यालय परिसर में “संघ की राजभाषा हिंदी की आवश्यकता” विषय पर एक कार्याशाला का आयोजन दिनांक 25.05.2025 दिन बुधवार को सम्पन्न हुआ। जिसमें अतिथि वक्ता के रूप में सैंथिया राष्ट्रभाषा हाई स्कूल के हिन्दी शिक्षक सह शिक्षक प्रभारी आलोक कारफर्मा उपस्थित रहें।
कार्यशाला का संचालन बीरभूम के समरेन्द्र दास, प्रबंधक (राजभाषा), जय प्रकाश यादव एवं राजनंदनी कुमारी साव ने की। कार्यशाला में चंदन सेन, अशोक कुमार धूमा, काकली चटर्जी (रॉय), भूषण मिंज, सोलन डंगिल, आनंद सुलंकी, रूद्र चक्रवर्ती, कांचन दे, धीरज विश्वकर्मा, कृष्ण किशोर गुइन, आलोक गांगुली, तपन दास, अरूणिमा साहा की उपस्थिति सराहनीय रही।
विषय पर अपनी बात रखते हुए अतिथि वक्ता आलोक कारफर्मा ने विशेष जोर देते हुए कहा कि हिन्दी संविधान की आठवी अनुसूची में शामिल अन्य भारतीय भाषाओं के साथ ताल-मेल स्थापित करते हुए समस्त भारत को एक सूत्र में बाँध रखी है। राजभाषा के रूप में हिंदी का बहुत महत्व है। यह न केवल भारत की एक प्रमुख भाषा है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक एकता और पहचान का प्रतीक भी है।

हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाने से प्रशासनिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में एकरूपता लाने में मदद मिलती है, जिससे देश को एकजुट रखने में सहायता मिलती है। उन्होने आगे यह भी कहा कि हिन्दी भारतीय एकता की कड़ी है।
अतिथि वक्ता ने कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के समक्ष अपनी बात रखते हुए सभी को ज्यादा से ज्यादा कार्यालय का कम राजभाषा हिन्दी में करने का सुझाव दिया तथा कार्य के दौरान आने वाली असुविधाओं के निदान पर अपनी सुधारात्मक प्रतिक्रिया साझा की।
कार्यशाला के अंत में एक पारिभाषिक शब्दावली ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें अशोक कुमार धूमा, प्रथम, तपन दास, द्वितीय एवं आलोक गांगुली, तृतीय स्थान प्राप्त किए। कार्यशाला का समापन समरेन्द्र दास, प्रबंधक (राजभाषा) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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