
Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) एक्ट के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन 11 अप्रैल 2025 को हिंसा में बदल गया। यह प्रदर्शन इतने भयावह रूप में सामने आया कि अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक पिता और पुत्र भी शामिल हैं। कई लोग घायल हुए हैं और भारी संख्या में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है।
इस पूरी घटना ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को सतर्क कर दिया है। आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने ANI से बातचीत में बताया कि उन्हें इस हिंसा को लेकर तीन अलग-अलग शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
शिकायतों के अनुसार एक्ट को लेकर भड़की भीड़ ने एक परिवार पर हमला किया और एक पिता-पुत्र की हत्या कर दी। इस घटना के बाद से स्थानीय लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कई लोग अपने घर छोड़कर पड़ोसी जिलों और राज्यों में शरण ले रहे हैं।
- जांच टीम को मुर्शिदाबाद भेजने का फैसला
मानवाधिकार आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक स्वतंत्र जांच टीम को मुर्शिदाबाद भेजने का फैसला लिया है। यह टीम मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेगी। तीन सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट NHRC को सौंपेगी।
प्रियांक कानूनगो ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे इस मामले में राज्य सरकार की रिपोर्ट पर पूरी तरह निर्भर नहीं रह सकते। आयोग जमीनी सच्चाई को समझने और पीड़ितों की आवाज सुनने के लिए सीधे जांच करेगा।
- अबतक 150 से अधिक लोग गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल पुलिस ने अब तक इस मामले में 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। समसेरगंज, धुलियान और आसपास के संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है और डर का माहौल बना हुआ है।
- दोषी अधिकारी पर कार्रवाई
NHRC की टीम न केवल हिंसा की घटनाओं की जांच करेगी बल्कि यह भी देखेगी कि पुलिस और प्रशासन की भूमिका कैसी रही। अगर कोई अधिकारी, कर्मचारी या संगठन इस हिंसा के लिए जिम्मेदार पाया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।