बड़ाबाजार लाइब्रेरी में कवियों द्वारा नव वर्ष का अभिनंदन

आजादी के अमृत महोत्सव के कड़ी में नव वर्ष के अवसर पर काव्य गोष्ठी सम्पन्न

कोलकाता : पूर्वोत्तर भारत की प्राचीनतम लाइब्रेरी- बड़ाबाजार लाइब्रेरी में आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर आचार्य विष्णुकांत शास्त्री सभागार में प्रख्यात कवि – गीतकार डॉ. बुद्धि नाथ मिश्र जी की अध्यक्षता में भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। कामायनी संजय की मधुर सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. गिरिधर राय ने स्वागत भाषण द्वारा डॉ. मिश्र सहित सभी माननीय रचनाकारों और श्रोताओं का अभिनंदन किया। लाइब्रेरी के तरफ से राम पुकार सिंह और रामाकान्त सिन्हा एवं सखी बहिनया संस्था के तरफ से हिमाद्रि मिश्रा और सुनिता झा द्वारा अंग वस्त्र और पाग पहनाकर डॉ. मिश्र को सम्मानित किया गया।

आलोक चौधरी, देवेश मिश्रा, सुजाता साहा, हिमाद्रि मिश्रा, रीमा पांडेय, श्यामा सिंह, रामाकांत सिन्हा, राम पुकार, नंद लाल रोशन, डॉ. गिरिधर राय, डॉ. बुद्धि नाथ मिश्र जैसे रचनाकारों ने अपनी प्रस्तुति द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि गोष्ठी का कुशल संचालन अशोक कुमार गुप्ता ने किया। काव्य गोष्ठी के संयोजक डॉ. गिरिधर राय ने अपने काव्यपाठ द्वारा काव्यगोष्ठी को गौरवांवित किया। कार्यक्रम – अध्यक्ष डॉ. मिश्र ने अपनी कविता ‘एक बार और जाल फेक रे मछेरे’ पढ़ी तो सारा पटल खुशी से झूम उठा।

उन्होंने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य द्वारा लाइब्रेरी के व्यवस्थापकों, रचनाकारों और श्रोतार्ओं की प्रशंसा की और उन्हें प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर अजय सिंह, अल्पना सिंह, नंदू बिहारी, श्रीमोहन तिवारी, विवेक तिवारी और अनिल उपाध्याय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अरुण प्रकाश मल्लावत के धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही यह भव्य कार्यक्रम सुसंपन्न हुआ।

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