मुर्शिदाबाद : भारतीय खाद्य निगम मंडल कार्यालय में आयोजित हुआ हिन्दी पखवाड़ा

“हिन्दी भाषा गंगा नदी के समतुल्य है।” – डॉ. बिक्रम कुमार साव

मुर्शिदाबाद। भारतीय खाद्य निगम, मंडल कार्यालय, मुर्शिदाबाद द्वारा हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। जिसमें कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए हिन्दी भाषा के प्रति जागरूकता हेतु विविध कार्यक्रमों के साथ एक कार्यशाला का भी आयोजन हुआ। 28 सितंबर शनिवार को आयोजित इस कार्यशाला में मंडल प्रबन्धक मैसनाम रूपम सिंह, मुख्य अतिथि बैरकपुर राष्ट्रगुरु सुरेंद्रनाथ कॉलेज, हिन्दी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. बिक्रम कुमार साव, प्रबंधक मनोज सेठी, प्रबंधक राहुल शेयनी, प्रबंधक बिहारी लाकरा एवं राजभाषा अधिकारी अजय कुमार चौधरी के साथ कार्यालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

कार्यशाला बहुत ही रोचक रहा क्योंकि इसमें हिस्सा लेने वाले प्रायः सभी हिन्दी भाषा के कार्यालय में प्रयोग हेतु विविध प्रकार के जिज्ञासाओं को मुख्य अतिथि वक्ता से साझा कर रहे थे और वक्ता महोदय से उत्तर पाकर संतुष्ट हो रहे थे। अधिकारियों और कर्मचारियों के सवालों का यथासंभव उत्तर देते हुए वक्ता डॉ. बिक्रम कुमार साव ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिन्दी भाषा भारतीयों के लिए गंगा नदी के समतुल्य है। जिस प्रकार विविध जलधाराओं को अपने में समेटे हुए गंगा नदी बहती है उसी प्रकार हिन्दी भी भारतीय भाषाओं को अपने में समेटे हुए है।

गंगा नदी उत्तर भारत के साथ सुदूर दक्षिण, पश्चिमोत्तर एवं पूर्वोत्तर के लोग में समाद्रित है। ठीक उसी प्रकार हिन्दी भाषा के महत्व को भारत के हर कोने में समझा जाता रहा है। स्वाधीनता पूर्व हिन्दी भाषा ने अपने दायित्व को बखूबी निभाया और अभी भी निभा रही है अब भारतीय अन्य आधुनिक भाषाओं का दायित्व है कि वो हिन्दी को राजभाषा और राष्ट्रभाषा के रूप में पुष्पित पल्लवित करें।

संविधान में वर्णित राजभाषा से संबंधित विविध नियम-अधिनियमों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में एकता और अखण्डता के साथ भाषाई सामंजस्य और संस्कृतिक साहचर्य को बनाये रखने हेतु हमें महेन्द्र भट्टाचार्या, भारतेंदु हरिश्चंद्र, बाल गंगाधर तिलक, जस्टिस शारदाचरण मित्र, सी. राजगोपालाचारी, मोटूरि सत्यनारायण, बी.जी. खेर, गोविन्द वल्लभ पंत, दौलत सिंह कोठारी, डॉ. सीताकान्त महापात्रा, डॉ. चंद्रकांत बांडिवडेकर, प्रो. अमरनाथ, प्रो. ए. अरविंदाक्षन, प्रेमपाल शर्मा, प्रो. अरुण होता, प्रो. बजरंग बिहारी तिवारी सरीखे भाषा चिंतकों के चिंतन से अपनी समझ को विकसित करना होगा।

मंडल प्रबंधक महोदय ने कार्यालय के विविध विभागों में हिन्दी के प्रयोग पर बल देते हुए कहा कि केन्द्रीय सरकार के द्वारा कार्यालयों में ‘एक राष्ट्र एक भाषा’ के लक्ष्य को पूरा करने हेतु हम सभी का दायित्व बनता है कि हम हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा दें। यह अभी के युग की मांग है और हिन्दीतर भाषियों को इस प्रयोग के लिए तमाम सुविधाएँ उपलब्ध भी है। जिसके प्रयोग से वे हिन्दी में कामकाज को आसानी से कर पायेंगे और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को पूरा कर पायेंगे।

कार्यालय के हिन्दी प्रबंधक राहुल शेयनी भी हिन्दी भाषा के प्रति अपने संवेदनशील उद्गार साझा करते हुए अपने सहकर्मियों को हिन्दी भाषा के ऐतिहासिक विकास – यात्रा के बारे में बताया। कार्यालय के हिन्दी अधिकारी अजय कुमार चौधरी ने कार्यालय में हिन्दी के कामकाज के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि कार्यालय के सहकर्मी हिन्दी में काम-काज करने में दिलचस्पी लेते हैं। पहले यह स्थिति संतोषजनक नहीं थी परन्तु अब वे अपने सहकर्मियों से संतुष्ट हैं।

इस सहभागिता के कारण उनका भी हृदय अब हिन्दी की सेवा में उत्साहपूर्वक लगता है। कार्यशाला में सभी ने हिन्दी के प्रति अपने दायित्व-वहन करने का संकल्प लिया। मुख्य प्रबंधक महोदय के मार्गदर्शन में सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन प्रबंधक राहुल शेयनी‌ ने और संयोजन एवं धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी अधिकारी अजय कुमार चौधरी ने किया।

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