मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक ने नारायण सेवा संस्थान के साथ मिलाया हाथ, क्रिसमस पर 145 दिव्यांगों को देगें कृत्रिम अंगों का उपहार

गुरुग्राम : क्रिसमस के अवसर पर दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंगों से बेहतर और क्या उपहार हो सकता है! कुछ इसी विचार के साथ मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक ने 145 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग, व्हीलचेयर, बैसाखी और ट्राइसाइकिल का उपहार देने के लिए नारायण सेवा संस्थान के साथ हाथ मिलाया। गुरुग्राम के सेक्टर -4 में आयोजित एक समारोह में मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक और नारायण सेवा संस्थान ने मिलकर दिव्यांगों को कृत्रिम अंग, व्हीलचेयर, बैसाखी और ट्राइसाइकिल प्रदान किए। इस निशुल्क कृत्रिम अंग वितरण शिविर और सीएसआर पहल के दौरान उच्च गुणवत्ता वाले सहायता उपकरण वितरित किए गए। निशुल्क कृत्रिम अंग वितरण शिविर में 50 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग प्रदान किए गए, जबकि 20 दिव्यांग जनों को व्हीलचेयर, 35 बैसाखी और 40 को ट्राइसाइकिल प्रदान की गई। इनमें से कुछ दिव्यांग जनों को चिकित्सा संबंधी सहायता के लिहाज से ओपीडी के लिए भी चुना गया।

नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ”यह हमारे लिए बहुत खुशी का क्षण है कि 145 दिव्यांग जनों को गुरुग्राम में मुफ्त कृत्रिम अंग, व्हीलचेयर, बैसाखी और ट्राइसाइकिल हासिल हुई है। शिविर में सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए, एनएसएस टीम ने लोगों से कोविड संबंधी तमाम दिशानिर्देशों का पालन करने और मास्क पहनने का अनुरोध किया। हम नारायण सेवा संस्थान की ओर से मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक की टीम को धन्यवाद देते है कि उन्होंने 145 दिव्यांग जनों की सहायता करते हुए उनके मुख्यधारा का हिस्सा बनने के सपने को साकार किया।”

उल्लेखनीय है कि नारायण सेवा संस्थान 1985 से देशभर में दिव्यांग जनों की सहायता के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है और संस्थान के प्रयासों के माध्यम से ही अनेक दिव्यांग जनों ने समाज की मुख्यधारा में अपने लिए स्थान बनाया है।
महामारी से पहले संस्थान ने विभिन्न शिविरों के माध्यम से जरूरतमंद और वंचित व्यक्तियों के बीच लगभग 2,74,603 व्हीलचेयर, 2,64,422 ट्राइसाइकिल, 2,97,789 बैसाखी, 3,61,997 और 1,72,000 कंबल वितरित किए हैं।

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