बिचौलिया चंदन ने 100 से अधिक लोगों को रुपये के एवज में दिलवाई है शिक्षक की नौकरी

कोलकाता। राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तारी से पहले चंदन मंडल उर्फ रंजन लगातार दावा कर रहा था कि नियुक्ति भ्रष्टाचार से उसका कोई लेना-देना नहीं लेकिन अब गिरफ्तारी के बाद वह कई राज खोल रहा है। सीबीआई की पूछताछ में पता चला है कि उसने एक दो नहीं बल्कि 100 से अधिक अयोग्य लोगों को रुपये के एवज में शिक्षक की नौकरी दिलवाई है। न केवल उत्तर 24 परगना बल्कि उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर के भी उम्मीदवारों से उसने करोड़ों रुपये की वसूली की थी। केंद्रीय एजेंसी ने खुलासा किया है कि चंदन मंडल का संपर्क प्रसन्न रॉय से था जो सीधे तौर पर पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से जुड़ा हुआ था।

चंदन उन लोगों की नौकरी के लिए सिफारिश पत्र प्रसन्न के पास भेजता था और वहीं से पार्थ चटर्जी के पास सूची पहुंच जाती थी जिन्हें गैरकानूनी तरीके से शिक्षक की नौकरी मिलती थी। रुपये का लेनदेन भी इसी तरह से होता था। परीक्षार्थी चंदन मंडल अथवा उसके सब एजेंटों को रुपये देते थे। वहां से प्रसन्न के जरिए होते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी तक रुपये पहुंचते थे। एजेंसी की पूछताछ में पता चला है कि अब तक हाईकोर्ट के आदेश पर जिन लोगों ने नौकरी गंवाई है उनमें से 22 लोग चंदन के जरिए नियुक्त हुए थे। आज एक बार फिर चंदन को कोर्ट में पेश किया जाएगा। उसके पहले पूछताछ में यह सारी जानकारी सामने आई है जो कोर्ट में रखी जाएगी।

इसी आधार पर उसे और अधिक पूछताछ की जरूरत बताकर केंद्रीय एजेंसी उसे एक बार फिर अपनी हिरासत में लेगी। उसने यह भी बताया है कि प्राथमिक स्कूलों में 12 से 15 लाख रुपये देकर नौकरी हासिल की जाती थी जबकि अपर प्राइमरी में 20 से 25 लाख रुपये घूस के तौर पर लिए जाते थे। इसका हिस्सा चंदन, प्रसन्न और पूर्व शिक्षा मंत्री के बीच बांटा जाता था। उससे लगातार पूछताछ हो रही है। बागदा के रहने वाले चंदन मंडल के बारे में सीबीआई के पूर्व उपनिदेशक उपेंद्रनाथ विश्वास ने वीडियो जारी कर खुलासा किया था। उपेंद्र वही अधिकारी थे जिन्होंने चारा घोटाला मामले में लालू यादव को गिरफ्तार किया था।

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