
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। मेदिनीपुर फिल्म सोसाइटी के सभा भवन में कई प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति में ललित कलाओं पर आधारित पत्रिका ‘चारुप्रभा’ का नए स्वरूप और नवीन विचारों के साथ प्रकाशन किया गया। इस पत्रिका का संपादन हिजली कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. सोनाली गोस्वामी द्वारा किया गया है।
शिक्षिका प्रियंका माईती रॉय इसकी सह-संपादक हैं। पत्रिका के लोकार्पण समारोह में प्रमुख लोक संस्कृति शोधकर्ता डॉ. मधुप दे, संगीत गुरु जयंत साहा, प्रोफेसर लक्ष्मण कर्माकर, प्रोफेसर विश्वरंजन घोराई, थिएटर व्यक्तित्व प्रणब चक्रवर्ती, नाटककार विद्युत पाल, वक्ता अमिय पाल, कला समीक्षक सिद्धार्थ सांतरा, निबंधकार और संपादक अचिंत्य मारिक और अन्य सहित जंगल महल की सांस्कृतिक जगत की प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं।
सस्वर कलाकार मालविका पाल, लेखक भास्करब्रत पति, अरुण साव, नरसिम्हा दास, शुद्धसत्व मान्ना, इपशिता चटर्जी, शुभदीप बसु, देवीप्रसाद त्रिपाठी, डॉ. सुतृप्त मंडल, सुतनु घोष, अरिजीत मन्ना और अन्य भी समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
पत्रिका विमोचन समारोह में संगीतकार जयंत साहा को ‘चारुप्रभा शिल्प सम्मान 2025’ से सम्मानित किया गया। पूरे कार्यक्रम की मेजबानी इपशिता चटर्जी व अध्यक्षता सिद्धार्थ सांतरा ने की।
पत्रिका का आवरण मेदिनीपुर के प्रसिद्ध कलाकार प्रशांत खाटुआ द्वारा तैयार किया गया है। यह पत्रिका मिठू एंटरप्राइजेज द्वारा प्रकाशित की गई है। संपादक डॉ. सोनाली गोस्वामी ने कहा, हमने ललित कलाओं पर रचनात्मक लेखन को उजागर करने का प्रयास किया है। प्रथम अंक में राज्य के विभिन्न भागों से आए शोधकर्ताओं ने ललित कलाओं की विभिन्न शाखाओं पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है।
28 प्रख्यात लेखकों ने संगीत, नृत्य, वाचिक कला, अभिनय एवं नाटक, वास्तुकला एवं मूर्तिकला आदि विषयों पर लेखन किया है। अखबार के संपादक ने यह भी कहा, “वे भविष्य में और बेहतर लेखों से समृद्ध करने का प्रयास करेंगी।” उन्होंने इस मामले में सभी से सहयोग भी मांगा।
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