कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें यहां गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित नहीं किया गया क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार ‘‘नंदीग्राम में उनके खिलाफ चुनावी हार को स्वीकार नहीं कर पाई हैं।” एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत में अधिकारी ने कहा कि बनर्जी ने रेड रोड परेड के लिए आमंत्रित लोगों की सूची से उनका नाम हटाकर ‘‘विधानसभा चुनाव में अपनी शर्मनाक हार का बदला लेने” की कोशिश की।

अधिकारी ने कहा, ‘‘वह अभी तक मेरे खिलाफ अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पाई हैं। कैंसर का इलाज हो सकता है लेकिन बदला लेने वाली मानसिकता और ईर्ष्या का नहीं। मुख्यमंत्री भूल गई होंगी कि विपक्ष के नेता को नहीं बुलाना प्रोटोकॉल के खिलाफ है।” अधिकारी ने बताया कि पिछले साल विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले तत्कालीन विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान को गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित किया गया था।

परिवहन मंत्री और कोलकाता नगर निगम के महापौर फरहाद हकीम ने अधिकारी को नहीं बुलाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, हकीम ने कहा कि अधिकारी ‘‘पिछले साल रेड रोड पर स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए थे।

मुझे कारणों के बारे में जानकारी नहीं है।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि वह नंदीग्राम के विधायक की ओर से नहीं बोल पाएंगे क्योंकि दोनों एक विचारधारा को साझा नहीं करते हैं ‘‘लेकिन उन्होंने (अधिकारी) जो दावा किया है अगर वह सच है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।” भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘ऐसे आयोजनों में विपक्ष के नेता को हमेशा आमंत्रित किया जाना चाहिए।”

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