ममता ने की मांग राष्ट्रीय मेला घोषित किया जाए गंगासागर, केंद्र पर लगाया असहयोग का आरोप

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार शाम सनातनी धर्मावलंबियों के सबसे बड़े तीर्थ गंगासागर मेले में सुरक्षा और पुण्यार्थियों की सुविधाओं का जायजा लिया है। इसके साथ ही उन्होंने इस मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग की है। गंगासागर में बने नए हेलीपैड के उद्घाटन के बाद संबोधन करते हुए ममता ने केंद्र पर तीखा हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कुंभ मेले में केंद्र सरकार हर तरह से सहयोग करती है लेकिन पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक गंगासागर मेले के आयोजन में केंद्र से कोई मदद नहीं मिलती। गंगासागर के मेले के आयोजन में जो भी खर्च होता है वह सब राज्य सरकार करती है।

उन्होंने कहा कि कुंभ पहुंचने के लिए रेलवे और हवाई जहाज की सुविधाएं उपलब्ध है लेकिन गंगासागर मेले में आने के लिए लोगों को नदी पार करनी पड़ती है। केंद्र की कोई मदद नहीं मिलती। लाखों-करोड़ों लोग नदी के रास्ते गंगासागर पहुंचते हैं। हमने केंद्र को कई बार इस बारे में आवेदन किया है लेकिन कोई मदद नहीं मिलती। मूरीगंगा नदी जो गंगासागर मेले के रास्ते में पड़ती है उस पर एक ब्रिज बनाए जाने की जरूरत है।

इसमें करीब 10 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। हमने कई बार केंद्र से मदद मांगी लेकिन कोई मदद नहीं मिली इसलिए अब राज्य सरकार खुद इस पुल के निर्माण के लिए रास्ते तलाश रही है। ममता ने कुंभ मेला के साथ-साथ दक्षिणेश्वर काली बाड़ी, कालीघाट मंदिर, तारकेश्वर, जहूराकाली और तारापीठ की प्रतिकृति का भी उद्घाटन किया जो सागर मेले की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाला है।

उल्लेखनीय है कि हर साल गंगासागर में कम से कम 30 से 35 लाख लोग पुण्य स्नान करते हैं। ममता ने दावा किया कि इन्हें सुगम तरीके से मेले में पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने अतिरिक्त संख्या में बसें चलाई है, अतिरिक्त संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की है और सुरक्षा तथा सुविधाओं के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे और सागर मित्र कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है।

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