कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर कोरोना महामारी को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि लॉकडाउन की योजना ‘‘खराब तरीके से बनाई गई। ममता के इस आरोप की जानकारी उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने दी। लॉकडाउन के तीसरे चरण के समापन से पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की वीडियो कांफ्रेंस के दौरान बनर्जी ने कहा कि लॉकडाउन आदेश और बाद के छूट संबंधी निर्देशों में बड़ा अंतर्विरोध है।

बनर्जी ने सुझाव दिया कि राज्यों को जमीनी स्थिति को ध्यान में रखकर यह तय करने दिया जाए कि कौन-कौन से क्षेत्र खोले जाएं और कौन से क्षेत्र बंद रखे जाएं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक एक तरफ तो केंद्र चाहता है कि लॉकडाउन को कड़ाई से लागू किया जाए जबकि दूसरी तरफ वह ट्रेन सेवाएं बहाल कर रहा है और भू-सीमाएं खोल रहा है। लॉकडाउन को जारी रखने की क्या तुक है जब रेलवे, भू-सीमाएं और अन्य क्षेत्रों को खोलने की इजाजत दी जाती है। यह विरोधाभासी है।

तृणमूल कांग्रेस की विज्ञप्ति के अनुसार बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर करारा प्रहार करते हुए कहा, ‘‘क्यों, श्री शाह को पत्र लिखने और इसे प्रेस को भेजने की जरूरत पड़ती है? जब यह सुर्खियों में आ गया तब लोग मुझसे पूछ रहे हैं। मुझे क्या करना है? आप सीधे मुझसे क्यों नहीं बात करते?  मैं अनुरोध करती हूं कि अन्य राज्यों के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।’’
शाह ने ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों को पश्चिम बंगाल नहीं ले जाने देने को लेकर राज्य को पत्र लिखा था। बनर्जी ने कहा कि वह शाह का सम्मान करती हैं लेकिन मीडिया को पत्र भेजने के उनके फैसले की निंदा करती हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से सबसे प्रभावित 10 राज्यों में पश्चिम बंगाल के सबसे निचले पायदान रहने के बावजूद इस राज्य के साथ भेदभाव किया जाता है। मुझे यह कहते हुए अच्छा महसूस नहीं होता है लेकिन बंगाल के लोगों के साथ भेदभाव क्यों है?

आरोप लगाने के साथ पत्र मीडिया को क्यों भेजे जा रहे हैं?’’ बयान के अनुसार बनर्जी ने कहा, ‘‘ मैं आपसे राज्य पर भरोसा करने की अपील करती हूं। यह वैचारिक लड़ाई का समय नहीं है जबकि यह लड़ाई रोज हो रही है।’’ हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस महामारी से लड़ना चाहते हैं लेकिन बंगाल को अनावश्यक रूप से राजनीतिक वजह से निशाना बनाया जा रहा है। राज्यों पर जिम्मा डालने के बजाय केंद्र को आगे के लिए स्पष्ट रणनीति लेकर सामने आना चाहिए।’ उन्होंने केंद्र से राज्यों का वैध आर्थिक बकाया भी जारी करने की मांग की।

 

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