पिछले साल के टी20 विश्व कप के लिए रवैये और दृष्टिकोण में बदलाव की जरूरत थी : रोहित

लॉडेरहिल (अमेरिका)। कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि पिछले साल टी20 विश्व कप में लचर प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम अपने रवैये और दृष्टिकोण में आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए मजबूर हुई। रोहित अब ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप के आगामी सत्र में भारतीय टीम की अगुवाई करने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन इससे पहले टीम को एशिया कप में खेलना है। स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘फॉलो द ब्ल्यूज’ पर रोहित ने कहा, ‘‘हमने दुबई में टी20 विश्व कप के फाइनल में जगह नहीं बनाने के बाद स्पष्ट कर दिया था कि हमने महसूस किया कि हम अपना खेल कैसे खेलते हैं, इस बारे में हमारे रवैये और दृष्टिकोण में बदलाव की जरूरत है।’’

भारत गत चैंपियन के रूप में एशिया कप में उतरेगा जिसे टी20 प्रारूप में खेला जाएगा। टीम इंडिया ने पिछले कुछ महीनों में अधिक आक्रामक बल्लेबाजी शैली अपनाई है और रोहित ने बताया कि टीम आगामी चुनौतियों के लिए कैसे तैयार हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कप्तान और कोच से यह संदेश स्पष्ट है कि टीम कहां जाने की कोशिश कर रही है तो हर खिलाड़ी निश्चित रूप से ऐसा करने की कोशिश करेगा। ऐसा करने के लिए उन्हें स्वतंत्रता और स्पष्टता की आवश्यकता है और यही हम करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें ज्यादा से ज्यादा आजादी देने की कोशिश कर रहे हैं।’’

इतने सारे युवा नेतृत्वकर्ताओं की मौजूदगी में टीम की कप्तानी करने के अपने अनुभव के बारे में पूछे जाने पर रोहित ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि टीम में इतने सारे नेतृत्वकर्ता तैयार करना रोमांचक है क्योंकि यह हमेशा एक अच्छा संकेत है।और आप चाहते हैं कि खिलाड़ी दबाव को संभालें, जो खेल को समझते हैं और एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं।कई कारणों से पिछले आठ महीनों में भारत के छह अलग-अलग कप्तान रहे हैं।मुझे लगता है कि नेतृत्व का होना बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन जाहिर है आप जानते हैं कि हम आईपीएल खेलते हैं और यह 10 टीम का टूर्नामेंट है। इसलिए 10 कप्तान होंगे जो किसी न किसी स्तर पर भारतीय टीम का भी हिस्सा होंगे।’’

रोहित ने कहा कि भारतीय टीम के लिए कोच राहुल द्रविड़ की भूमिका महत्वपूर्ण है। राहुल भाई के साथ मैंने कुछ मैच खेले हैं क्योंकि जब मैंने एकदिवसीय मैचों में पदार्पण किया था तो वह मेरे पहले कप्तान थे इसलिए जाहिर तौर पर हमारे बीच कुछ आपसी समझ है। जब मैं चोटिल हुआ था तो मैंने एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) में काफी समय बिताया है और वह वहां भी थे। हमारे बीच हर समय नियमित बातचीत होती थी और वह मेरे खेल को भी करीब से देख रहे थे।’’

‘हिटमैन’ के नाम से मशहूर रोहित ने ऐसे कोच के महत्व के बारे में भी बताया जिसका विजन और विश्वास टीम के अनुसार हो। रोहित ने कहा, ‘‘जब वह (द्रविड़) कोच बने तो हम मिले और एक कमरे में कुछ देर साथ बैठे और फैसला किया कि हम चीजों को कैसे आगे बढ़ाना चाहते हैं और काफी हद तक उनके विचार वही थे जो मैं सोच रहा था। इससे मेरे लिए खिलाड़ियों को एक स्पष्ट संदेश देना थोड़ा आसान हो गया क्योंकि हम समूह के बीच भ्रम पैदा नहीं करना चाहते हैं, और निश्चित रूप से हम चाहते थे कि वह क्रिकेट की शैली को भी बदल दें। हम तीनों प्रारूपों में एक निश्चित तरीके से खेलना चाहते थे और वह यह सब स्वीकार करने के लिए तैयार थे।’’

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