
कोलकाता। कोलकाता पुलिस ने साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए बड़े कदम उठाने का फैसला किया है। इस संबंध में अगले कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। कोलकाता के नगर पाल मनोज वर्मा ने बताया कि पुलिस विभाग में “ज्वाइंट सीपी साइबर” और “ज्वाइंट लीगल साइबर” के दो नए पद सृजित किए जा रहे हैं।
मनोज वर्मा के अनुसार, साइबर सेल का पुनर्गठन किया जा रहा है।
बढ़ते अपराधों को देखते हुए इसे अलग-अलग शाखाओं में बांटा गया है। इसके तहत लालबाजार साइबर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत छह नई शाखाएं बनाई गई हैं, जो साइबर अपराधों की रोकथाम और जांच में मदद करेंगी।
इन शाखाओं में संगठित साइबर अपराध शाखा, साइबर सुरक्षा एवं साइबर अपराध समन्वय शाखा, साइबर धोखाधड़ी वसूली शाखा, साइबर फोरेंसिक लैब आदि शामिल हैं। इन सभी ने शुक्रवार से अपना काम शुरू कर दिया है।
पुलिस के मुताबिक, साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए खुफिया ब्यूरो के अंतर्गत एक स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप भी बनाया जा सकता है, जो अपराधों की तेजी से पहचान कर उन्हें रोकने का काम करेगा। इस योजना के तहत साइबर थाने में 7 इंस्पेक्टर, 10 अधिकारी और 25 कांस्टेबल की तैनाती की गई है।
- बढ़ते साइबर अपराध और आर्थिक नुकसान
हाल के वर्षों में साइबर अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, जिससे लोगों को अरबों रुपये का नुकसान हो रहा है। हालांकि, पुलिस की सतर्कता के कारण कई मामलों में ठगी की गई रकम को जालसाजों तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया है।
पुलिस का कहना है कि अदालत के आदेश के बाद यह धनराशि पीड़ितों को लौटाई जाती है, लेकिन इसमें कई बार कानूनी अड़चनों और प्रक्रिया में देरी की शिकायतें भी सामने आई हैं।
कोलकाता पुलिस की नई व्यवस्था का उद्देश्य साइबर अपराधों को रोकना और पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत देना है। यदि यह योजना सफल रही, तो यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है।
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