प्रतीकात्मक फोटो, साभार : गूगल

कोलकाता : बंगाल में जारी कोरोना के कहर के बीच कोलकाता में निजी अस्पतालों से नर्सों के नौकरी छोड़ने से कर्मचारियों की कमी हो गई है। अस्पतालों ने अब निर्णय किया है कि वे सीमित संख्या में मरीजों को भर्ती करेंगे और मौजूदा कर्मियों को परामर्श देंगे, ताकि वे नौकरी न छोड़ें।

कोलकाता में निजी अस्पतालों की 350 से ज्यादा नर्सों ने नौकरी छोड़ दी है और वे कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद मणिपुर और देश के अन्य हिस्सों में स्थित अपने घर लौट गई हैं। दक्षिण कोलकाता के पीयरलेस अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके अस्पताल में 25 नर्सों की कमी है।

अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ. सुजीत कर पुरकायस्थ ने कहा कि मरीजों को सीमित संख्या में भर्ती किया जाएगा, क्योंकि हमें मौजूदा स्टाफ के साथ ही काम करना है। लगता है नौकरी छोड़कर जाने वाले जल्दी वापस नहीं आएंगे। फिलहाल हमें संयम से इंतजार करना है। नर्स रातभर में नहीं बनाई जा सकती हैं।

बंगाल में कोरोना के लिए निर्धारित अस्पतालों में शामिल एएमआरआई के अधिकारियों ने बताया कि वे स्टाफ सदस्यों को परामर्श दे रहे हैं ताकि वे नौकरी नहीं छोड़ें। अस्पताल से कम से कम 77 नर्स दूसरे राज्यों में स्थित अपने घरों को जा चुकी हैं। अस्पताल के मुख्य कार्यकारी रूपक बरुआ ने कहा कि स्टाफ सदस्यों को आश्वासन दिया गया है कि उनकी चिंताओं का निदान किया जाएगा।

चारनॉक अस्पताल के प्रबंध निदेशक प्रशांत शर्मा ने कहा कि करीब-करीब सभी अस्पताल ऐसी परेशानी का सामना कर रहे हैं। मणिपुर, ओडिशा और त्रिपुरा की नर्स अचानक से नौकरी छोड़कर चली गई हैं। बंगाल, केरल और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों की नर्स अब भी यहां हैं। मणिपुर के लिए इसे हफ्ते के शुरू में रवाना हुई एक नर्स ने कहा कि सुरक्षा चिंता और माता-पिता के दबाव के कारण उसने नौकरी छोड़ दी।

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