#Kolkata : करीब दो लाख रुपये का बनाया ऑक्सीजन का बिल, शिकायत के बाद हेल्थ कमीशन भी हैरान

कोलकाता: कोरोना महामारी के इस संकट की घड़ी में महानगर के कुछ अस्पतालों द्वारा मरीजों को लूटने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में वेस्ट बंगाल क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन में एक अस्पताल के खिलाफ मात्र 17 दिन में करीब दो लाख रुपए केवल ऑक्सीजन का बिल बनाने की शिकायत मिली तो कमीशन के अधिकारियों के भी होश उड़ गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार करोना संक्रमित मां-बेटे की उक्त अस्पताल में मौत हो गई थी। इलाज में उनके ऑक्सीजन का बिल जब परिजनों को मिला तो उनके होश उड़ गए। ऐसे में उन्होंने हेल्थ कमीशन में इसकी शिकायत की। शिकायत जब कमीशन के अधिकारियों तक पहुंची तो उनके भी होश उड़ गए। जानकारी के अनुसार केवल 17 दिन में उक्त अस्पताल ने एक मरीज का केवल ऑक्सीजन का 1 लाख 86 हजार 700 रुपए बिल बनाया था। वह दूसरे मरीज का 14 दिन में अस्पताल में 1 लाख 63 हजार 600 रुपए ऑक्सीजन का बिल बनाया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार महानगर के राजारहाट निवासी लीना बागची करोना संक्रमित हो गई थीं। 9 मई को उन्हें उक्त प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 26 मई को मरीज की मौत हो गई। इसके बाद ही मृतिका के पुत्र शुभमय बागची भी कोरोना संक्रमित होने के बाद 9 मई को ही उक्त अस्पताल में भर्ती हुए थे। 24 मई को उनका भी निधन हो गया। 2 दिन के भीतर परिजनों को खोने के गम में अस्पताल का बिल देखकर पूरा परिवार सदमे में था। मां-बेटे के इलाज में कुल 5 लाख खर्च हुए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल द्वारा बनाए गए बिल की जांच की गई और भी गड़बड़ी पाई गई। मामले की जांच के बाद कमीशन ने राजारहाट के उक्त प्राइवेट अस्पताल को मृतकों के परिजनों को 4 लाख 33 हजार रुपए लौटाने का निर्देश दिया है।

हेल्थ कमीशन के चेयरमैन तथा पूर्व न्यायाधीश असीम बनर्जी ने कहा कि ऑक्सीजन का बिल कैसे इतना अधिक? हमने यह अस्पताल से जानना चाहा था। इतना अधिक ऑक्सीजन का बिल पहली बार देखा गया। अस्पताल की तरफ से कहा गया कि उन्हें अधिक कीमत पर ऑक्सीजन खरीदना पड़ा था। सवाल यह है कि क्या इसलिए मरीजों से इतना अधिक पैसा वसूला गया? यह हो नहीं सकता। इसलिए हमने मृतकों के परिजनों को 4 लाख 33 हजार रुपए लौटाने को कहा है।

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