जानिए श्रीराम नवमी पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और आरती

वाराणसी : 10 अप्रैल 2022 रविवार, सनातन हिंदू धर्म में प्रत्येक त्योहार का एक विशेष महत्व है। नवरात्रि भी उन्हीं में से एक है। वैसे तो पूरे साल में चार बार नवरात्रि आती है लेकिन इनमें से शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से इन नवरात्रि की शुरुआत होती है। इन दिनों में मां के 9 स्वरुपों की पूजा की जाती है। भक्तों में नवरात्रि को लेकर बहुत उत्साह देखने को मिलता है। नवरात्रि के आखिरी दिन राम नवमी का त्योहार मनाया जाता है। भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में ये त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन राम जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन रामनवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विधि-विधान के साथ भगवान राम और माता सीता की पूजा अर्चना की जाती है।

राम नवमी का शुभ मुहूर्त :
* राम नवमी तिथि : 10 अप्रैल 2022, रविवार
* नवमी तिथि प्रारंभ : 10 अप्रैल को देर रात 1:32 मिनट से शुरू
* नवमी तिथि समाप्त : 11 अप्रैल को सुबह 03:15 मिनट पर
* पूजा का मुहूर्त : 10 अप्रैल को सुबह 11: 10 मिनट से 01: 32 मिनट तक

शुभ योग : इस दिन पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग रहेगा। इस दिन पुष्‍य नक्षत्र में सुकर्मा योग रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:34 से 12:25 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:06 से 02:56 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:06 से 06:30 तक।
संध्या मुहूर्त : शाम 06:18 से 07:26 तक।
निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:36 से 12:22 तक।

राम नवमी पूजा विधि : राम नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद पूजास्थल को स्वच्छ करके भगवान राम की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद उन्हें कुमकुम, सिंदूर, रोली, चंदन, आदि से तिलक लगाएं। इसके बाद चावल और तुलसी अर्पित करें। राम नवमी के दिन श्री राम को तुलसी अर्पित करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। पूजा में देवी-देवताओं को फूल अर्पित करें और मिठाई का भोग लगाएं। फिर घी का दीपक और धूपबत्ती जलाकर श्री रामचरित मानस , राम रक्षा स्तोत्र या रामायण का पाठ करें। श्री राम, लक्ष्मण जी और मां सीता की आरती करें और लोगों में प्रसाद वितरण करें।

श्रीराम के इन मंत्रों का करें जाप :
‘रां रामाय नम:’
भगवान श्रीराम का यह मंत्र बेहद ही प्रभावशाली होता है। इस मंत्र को श्रीराम पूजा में 108 बार जपें। इस मंत्र को सच्चे मन से जपने से भक्तगणों की सारी विपदाएं नष्ट हो जाती हैं। आरोग्य जीवन के लिए भी यह राम मंत्र कारगर है।

ॐ नमो भगवते रामचंद्राय’
भगवान श्रीराम का जीवन संपूर्ण मानव जाति के लिए एक आदर्श है। इसलिए राम नवमी के दिन आप श्रीराम से जुड़ा यह मंत्र 108 बार जपें। इस मंत्र के जाप से आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।

ॐ दशरथाय विद्महे सीता वल्लभाय धीमहि तन्नो श्रीराम: प्रचोदयात्।

यह श्रीराम गायत्री मंत्र है। शास्त्रों में ऐसा लिखा गया है कि इसके जप से व्यक्ति के सारे संकट दूर हो जाते हैं। उसके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

।।श्री राम की आरती।।
आरती कीजे श्रीरामलला की। पूण निपुण धनुवेद कला की।।
धनुष वान कर सोहत नीके। शोभा कोटि मदन मद फीके।।
सुभग सिंहासन आप बिराजैं। वाम भाग वैदेही राजैं।।
कर जोरे रिपुहन हनुमाना। भरत लखन सेवत बिधि नाना।।
शिव अज नारद गुन गन गावैं। निगम नेति कह पार न पावैं।।
नाम प्रभाव सकल जग जानैं। शेष महेश गनेस बखानैं।।
भगत कामतरु पूरणकामा। दया क्षमा करुना गुन धामा।।
सुग्रीवहुँ को कपिपति कीन्हा। राज विभीषन को प्रभु दीन्हा।।
खेल खेल महु सिंधु बधाये। लोक सकल अनुपम यश छाये।।
दुर्गम गढ़ लंका पति मारे। सुर नर मुनि सबके भय टारे।।
देवन थापि सुजस विस्तारे। कोटिक दीन मलीन उधारे।।
कपि केवट खग निसचर केरे। करि करुना दुःख दोष निवेरे।।
देत सदा दासन्ह को माना। जगतपूज भे कपि हनुमाना।।
आरत दीन सदा सत्कारे । तिहुपुर होत राम जयकारे।।
कौसल्यादि सकल महतारी। दशरथ आदि भगत प्रभु झारी।।
सुर नर मुनि प्रभु गुन गन गाई। आरति करत बहुत सुख पाई।।
धूप दीप चन्दन नैवेदा। मन दृढ़ करि नहि कवनव भेदा।।
राम लला की आरती गावै। राम कृपा अभिमत फल पावै।।

जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
9993874848

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *