
भारत को पाक के खिलाफ मिलिट्री एक्शन की दरकार है- पूरी हुई रणनीतिक तैयारी, अब एक्शन की बारी!
भारत की डिप्लोमेसी व सैन्य तैयारी, हाई लेवल मीटिंग्स, आतंकवादियों के खिलाफ रूस, अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय सहयोग से पाक घबराया- अधिवक्ता के.एस. भावनानी
अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर पूरी दुनिया की नजरें भारत पर लगी हुई है कि भारत कब पाक के खिलाफ मिलिट्री एक्शन शुरू करता है। हालांकि इस पर भारतीय नागरिकों की भी नजरें लगी हुई है, जिससे ऐसा महसूस हो रहा है कि अब समय आ गया है कि पाक पर मिलिट्री कार्यवाही जल, थल और वायु जो किसी भी स्थिति में हो, शुरू करने की जरूरत है। परंतु मेरा मानना है कि अभी जो भारत सरकार उच्च स्तर पर रणनीति के तहत चल रही है, वह सही भी है क्योंकि युद्ध शुरू करने के पहले उसके लॉन्ग टाइम इफेक्ट्स, नागरिकों पर प्रभाव, अंतर्राष्ट्रीय सोच, सहयोग सहित अनेक कूटनीतिक, डिप्लोमेसी सहित अनेक रणनीतियां होती है, जिससे दुश्मन को आधा परास्त तो ऐसे ही कर दिया जाता है, बाकी बचाखुचा तीनों अंगों की सैन्य कार्रवाई से पूरा हो सकता है। 5 मई 2025 को देर शाम केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिविल मॉक ड्रिल के आदेश जारी कर दिए गए हैं जो सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई 2025 को करने होंगे। इसके पहले पाक को घुटने टिकाने के लिए अनेक आदेश जारी किए गए हैं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी प्राप्त कर रहे हैं। इसी कड़ी में 5 मई 2025 को ही रूस के राष्ट्रपति ने भी संचार माध्यम से भारतीय पीएम से बात कर अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबद्धता जताई। अब सिविल मॉक ड्रिल आदेश को आधार बनाकर आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत-पाक युद्ध की दस्तक? 54 वर्षों के बाद 7 मई 2025 को सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र ने सिविल मॉक ड्रिल के आदेश जारी किए हैं।
साथियों बात अगर हम भारत-पाक युद्ध की संभावित दस्तक की करें तो, गृह मंत्रालय ने 1971 के बाद पहली बार 7 मई को देशव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के निर्देश दिए हैं।पीएम द्वारा पिछले 7 दिनों में तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा सचिव से मुलाकातों के बाद सैन्य तैयारियों की समीक्षा की गई है, जिसमें कहा गया है कि भारत की प्रतिक्रिया का समय, तरीका और लक्ष्य तीनों सेनाएं खुद तय करेंगी। पाक से तनाव के बीच केंद्र सरकार ने देश के 244 जिलों में 7 मई को मॉक ड्रिल करने के लिए कहा है। इसमें नागरिकों को हमले के दौरान खुद को बचाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि युद्ध की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। 7 मई को कौन-कौन से राज्यों में मॉक ड्रिल होगी। अभी इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। पाक से तनाव के बीच केंद्र सरकार ने देश के 244 जिलों में 7 मई को मॉक ड्रिल करने के लिए कहा है। इसमें नागरिकों को हमले के दौरान खुद को बचाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि युद्ध की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हालांकि रविवार सोमवार रात पंजाब के फिरोजपुर छावनी में ब्लैकआउट प्रैक्टिस की गई। इस दौरान गांवों और मोहल्लों में रात 9 बजे से 9:30 बजे तक बिजली बंद रही। दरअसल, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। सरकार किसी भी संभावित खतरे से पहले तैयारी करना चाहती है।
साथियों बात अगर हम सिविल डिफेंस मार्क ड्रिल को समझने की करें तो,
(1) मॉक ड्रिल यानी एक तरह की “प्रैक्टिस” जिसमें हम यह देखते हैं कि अगर कोई इमरजेंसी (जैसे एयर स्ट्राइक या बम हमला) हो जाए, तो आम लोग और प्रशासन कैसे और कितनी जल्दी रिएक्ट करता है।
(2) ब्लैकआउट एक्सरसाइज का मतलब है कि एक तय समय के लिए पूरे इलाके की लाइटें बंद कर देना। इसका मकसद यह दिखाना होता है कि अगर दुश्मन देश हमला करे, तो इलाके को अंधेरे में कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे दुश्मन को निशाना साधने में मुश्किल होती है।ड्रिल में होंगे ये प्रमुख कदम –
(1) एयर रेड सायरन की टेस्टिंग : दुश्मन हमले के समय चेतावनी देने वाले सायरनों की जांच और एक्टिवेशन होगा।
(2) सिविल डिफेंसट्रेनिंग : आम लोगों को सिखाया जाएगा कि वे हमले के वक्त कैसे सुरक्षित रहें।
(3) ब्लैकआउट की व्यवस्था : हमले के वक्त रोशनी पूरी तरह बंद करने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
(4) कैमो फ्लाज की तैयारी : देश के महत्वपूर्ण प्लांट्स और ठिकानों को छिपाने की तकनीक अपनाई जाएगी।
(5) इवैक्यूएशन प्लान : आपात स्थिति में लोगों को निकालने की योजना को अपडेट किया जाएगा और उसका अभ्यास भी होगा।
साथियों बात अगर हम भारत पाक तनाव चरम पर पहुंचने की करें तो, सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया है। इसका मकसद है देश को किसी भी संभावित खतरे के लिए तैयार करना। ये ड्रिल देशवासियों को जागरूक करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। गृह मंत्रालय ने राज्यों को कई अहम निर्देश दिए हैं। सबसे पहले, हवाई हमले की चेतावनी देने वाली सायरन की जांच की जाएगी ताकि जरूरत पड़ने पर लोग तुरंत सतर्क हो सकें। इसके अलावा, आम नागरिकों और स्कूली बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी कि हमले की स्थिति में खुद को कैसे सुरक्षित रखना है। रात के समय ब्लैक आउट की प्रक्रिया को भी लागू किया जाएगा, ताकि हवाई हमलों के दौरान शहरों की रोशनी दुश्मन को नजर न आए। महत्वपूर्ण इमारतों और ठिकानों को छिपाने के लिए छलावरण की तकनीक का इस्तेमाल होगा। साथ ही, आपातकाल में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए निकासी योजनाओं को अपडेट किया जा रहा हैँ।
साथियों बात अगर हम पाक के खिलाफ मिलिट्री कार्रवाई की गूंज की करें तो, पहलगाम अटैक को पूरे दो हफ्ते हो गए हैं, आज 14वां दिन है, इन 14 दिनों में सिर्फ बैठकें हुई हैं, बड़ी-बड़ी बैठकें, डिप्लोमेटिक एक्शन हुए हैं, पाक का पानी रोकने पर एक्शन हुआ, पाक का पैसा बंद करने पर भी बात हो रही है लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि 26 निर्दोष लोगों के हत्यारे पर सीधा हमला कब होगा? भारत पाक पर कब अटैक करेगा? भारत की सेना लाहौर, इस्लामाबाद का रुख कब करेगी? इंडियन एयरफोर्स के जेट पाकिस्तान मिलिट्री के इंस्टॉलेशन को निशाना कब बनाएंगे? ये देश की मंशा है। देश यही चाहता है लेकिन ये कब होगा, ये कोई नहीं जानता। आज देश में लोग पूछ रहे हैं कि भारत ने अभी तक पाकिस्तान से पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला क्यों नहीं लिया है? अगर आज सरकार की भाषा में कहें तो भारत बदला लेगा और जरूर लेगा। लेकिन आज हम ये समझने की कोशिश करेंगे कि इस बदले में इतनी देरी क्यों हो रही है? क्या ये देरी तैयारियों की वजह से है और क्या भारत ने अभी तक कुछ भी नहीं किया है? हकीकत ये है कि अब तक भारत बिना हथियार चलाए पाकिस्तान के पसीने छुड़ा चुका है। हर मोर्चे पर घिर चुका पाकिस्तान बिना मार के रो रहा है। अब बस युद्ध का सायरन बजने ही वाला है और भारत ने अपने नागरिकों को भी युद्ध के लिए तैयार करना शुरू कर दिया है, सबसे पहले बात उस सवाल की जिसका जवाब इस वक्त देश के 140 करोड़ लोग जानना चाहते हैं और वो सवाल है कि पाकिस्तान से बदला लेने में इतना वक्त क्यों लग रहा है? इस वक्त तो फिलहाल बस देश में एक ही नैरेटिव चल रहा है कि जनता बदला चाहती है। देश वासियों का ये गुस्सा जायज भी है क्योंकि आतंकवादियों ने बहुत बड़ी चुनौती दी है, धर्म पूछ- पूछकर गोली मारी है। इसीलिए हर कोई ये चाहता है कि इस बार कार्रवाई ऐसी हो ताकि पाकिस्तान के आंतकवादियों की नहीं बल्कि उनकी फौज की भी सात पुश्तें याद करें। देशवासी इसलिए भी अधीर हो रहे हैं क्योंकि पिछली दोनों बार यानी कि सर्जिकल और एयर स्ट्राइक में इस वक्त तक स्ट्राइक हो चुकी थी इसीलिए ये इंतजार किया जा रहा है कि पाकिस्तान पर इस बार की स्ट्राइक कब होगी। पिछली बार 18 सितंबर 2016 को उरी अटैक हुआ था, भारतीय सेना ने 10 दिनों के बाद 28 सितंबर 2016 को पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर दी थी। सरहद पार सेना ने 38 आतंकवादी और 2 पाक सैनिकों को सर्जिकल स्ट्राइक में मार गिराया था। इसी तरह से 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा अटैक हुआ था, 12 दिन के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर दी थी। आतंकवादियों के कैंप ध्वस्त कर दिए थे। यही वजह है कि सवाल उठ रहे हैं कि अबकी बार तो वक्त बहुत ज्यादा हो गया है।
साथियों बात अगर हम युद्ध के लिए धैर्य की आवश्यकता की करें तो, सरकार तो साफ कह रही है कि बदला तो होकर रहेगा लेकिन बस थोड़ा धैर्य बनाकर रखना होगा और ऐसा नहीं है कि सरकार ने कुछ किया नहीं है। लेकिन युद्ध के लिए बहुत कुछ सोचकर चलना पड़ता है, सेना को हर तरह की तैयारी करनी पड़ती है। सेना अगर युद्ध की तैयारी करेगी तो फिर वो जीतने के लिए होगी, हारने के लिए नहीं। सेना अगर युद्ध की तैयारी करेगी तो हर एंगल को ध्यान में रखेगी, वर्स्ट केस सिनेरियो लेकर चलेगी। पाक के साथ वर्स्ट केस सिनेरियो ये हो सकता है कि युद्ध आरपार का होगा और फिर ऑप्शन न्यूक्लियर वॉर का भी है। युद्ध की स्थिति में सेना को हर फ्रंट देखना होगा। युद्ध अगर होगा तो सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही नहीं होगा इंटरनेशनल बॉर्डर पर भी होगा यानी कि हम राजस्थान और गुजरात की भी बात कर रहे हैं, ये भी सोचना होगा कि अगर युद्ध हुआ तो इंटरनेशनल खेमेबंदी कैसी होगी यानी कि कौन सा देश किसे सपोर्ट करेगा, पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए कौन आएगा, इस वक्त पूरी दुनिया में पाकिस्तान का साथ चीन देता है, तो ये भी देखना होगा कि अगर युद्ध हुआ तो क्या चीन भारत पर हमला कर सकता है। ये सब बातें आपको इसलिए बता रहे हैं ताकि आप ये समझ सकें कि ये सारे फैक्टर देखने के बाद ही भारत कोई कार्रवाई करेगा।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत-पाक युद्ध की दस्तक?- 54 वर्षों बाद 7 मई 2025 को राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र ने सिविल मॉक ड्रिल के आदेश जारी किए। भारत को पाक के खिलाफ मिलट्री एक्शन की दरकार है- पूरी हुई रणनीतिक तैयारी, अब एक्शन की बारी। भारत की डिप्लोमेसी व सैन्य तैयारी, हाई लेवल मीटिंग्स, आतंकवादियों के खिलाफ रूस अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय सहयोग से पाक घबराया?
(स्पष्टीकरण : उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। यह जरूरी नहीं है कि कोलकाता हिंदी न्यूज डॉट कॉम इससे सहमत हो। इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है।)
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